कानपुर देहात: युवा उद्यमी योजना में ढिलाई बर्दाश्त नहीं – DM सिंह
उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास योजना के क्रियान्वयन में बैंकों की धीमी प्रगति पर कानपुर देहात के जिलाधिकारी आलोक सिंह ने गहरा असंतोष व्यक्त किया है।

- बैंकों को कड़ी फटकार: ₹5 लाख तक ब्याज मुक्त ऋण वितरण में सुस्ती पर अल्टीमेटम, 11 शाखाओं में शून्य प्रगति
कानपुर देहात – उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास योजना के क्रियान्वयन में बैंकों की धीमी प्रगति पर कानपुर देहात के जिलाधिकारी आलोक सिंह ने गहरा असंतोष व्यक्त किया है। मंगलवार को कलेक्ट्रेट स्थित माँ मुक्तेश्वरी देवी सभागार में आयोजित समीक्षा बैठक में उन्होंने बैंकों को कड़ी फटकार लगाते हुए स्पष्ट निर्देश दिए कि इस योजना में किसी भी तरह की ढिलाई स्वीकार नहीं की जाएगी।
बैठक में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक, केनरा बैंक, इंडियन बैंक, ग्रामीण बैंक, यूको बैंक, एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक और आईसीआईसीआई बंधन बैंक जैसे कई प्रमुख बैंक लक्ष्य के अनुरूप ऋण स्वीकृत और वितरित करने में लापरवाही बरत रहे हैं। जिलाधिकारी ने जोर देकर कहा कि इस योजना का सीधा उद्देश्य युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित कर आत्मनिर्भर बनाना है, और इसमें कोई भी कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
एलडीएम (लीड डिस्ट्रिक्ट मैनेजर) राकेश कुमार ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए निर्धारित 2200 आवेदनों के लक्ष्य के सापेक्ष 1447 आवेदन बैंकों को प्राप्त हुए हैं, लेकिन इनमें से मात्र 475 आवेदनों को ही स्वीकृत कर ऋण वितरित किया जा सका है। जिलाधिकारी ने लंबित मामलों की तत्काल समीक्षा करने और ऋण वितरण प्रक्रिया को सरल व पारदर्शी बनाने का निर्देश दिया। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि कार्य में लापरवाही पाई गई तो संबंधित के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
सबसे चिंताजनक बात यह सामने आई कि जिले में 11 बैंक शाखाओं में शून्य ऋण वितरण हुआ है, और 40 शाखाओं ने केवल एक ऋण वितरित किया है। इस पर भड़कते हुए जिलाधिकारी ने एलडीएम को निर्देश दिया कि इन शाखा प्रबंधकों को अलग से बुलाया जाए और उनकी संबंधित क्षेत्रीय व राज्य प्रमुखों को पत्र भेजा जाए। उन्होंने सभी बैंक शाखाओं में हेल्प डेस्क स्थापित करने और एक जिम्मेदार व्यक्ति को नामित करने के भी आदेश दिए।
मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास योजना के तहत जनपद के युवा उद्योग और सेवा क्षेत्र में स्वरोजगार स्थापित करने के लिए पात्र हैं। इस योजना में ₹5 लाख तक का ब्याज मुक्त ऋण 4 वर्ष के लिए प्रदान किया जाता है, जिसमें 6 महीने की अधिस्थगन अवधि के साथ 10% की सब्सिडी भी शामिल है। आवेदक को उत्तर प्रदेश का निवासी, 21 से 40 वर्ष की आयु का, न्यूनतम कक्षा 8 उत्तीर्ण और सरकार द्वारा संचालित किसी कौशल विकास योजना में प्रशिक्षित होना चाहिए।
बैठक में एलडीएम राकेश कुमार, उपायुक्त उद्योग मो0 सउद और विभिन्न बैंकों के प्रतिनिधि उपस्थित थे। जिलाधिकारी की सख्ती के बाद अब उम्मीद है कि योजना के क्रियान्वयन में तेजी आएगी और अधिक से अधिक युवा इसका लाभ उठा पाएंगे।
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