कानपुर नगर निगम के गौ संरक्षण केंद्र की खुली पोल, गोबर के ढेर में छिपा कर ले जा रहे थे मृत गोवंश
पनकी के अस्थाई गौ संरक्षण केंद्र में गोबर के ढेर में छिपाकर तीन मृत गोवंश छिपाकर ले जाते बजरंग दल और गौरक्षा सेवा समिति के सदस्यों ने पकड़ लिया और हंगामा शुरू कर दिया। सदस्यों के पहुंचते ही केंद्र में व्यवस्थाओं की पोल खुल गई, उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र प्रबंधन गोवंश की देखभाल नहीं करता है और कर्मचारी बीमार पशुओं का उपचार नहीं कराते हैं, जिससे उनकी मौत हो जाती है।

कानपुर, अमन यात्रा । पनकी के अस्थाई गौ संरक्षण केंद्र में गोबर के ढेर में छिपाकर तीन मृत गोवंश छिपाकर ले जाते बजरंग दल और गौरक्षा सेवा समिति के सदस्यों ने पकड़ लिया और हंगामा शुरू कर दिया। सदस्यों के पहुंचते ही केंद्र में व्यवस्थाओं की पोल खुल गई, उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र प्रबंधन गोवंश की देखभाल नहीं करता है और कर्मचारी बीमार पशुओं का उपचार नहीं कराते हैं, जिससे उनकी मौत हो जाती है। हंगामे की सूचना पर पहुंची पुलिस ने लोगों को शांत कराया और दूसरे वाहन से मृत पशुओं को भिजवाया गया।
कानपुर शहर में बेसहारा घूमने वाले गोवंश पकड़े जाने पर पनकी बी ब्लॉक स्थित अस्थाई गौ संरक्षण केंद्र में रखे जाते हैं। यहां पर गोवंश की देखरेख की जिम्मेदारी नगर निगम की है। गोवंश के रखरखाव और खानपान में लापरवाही के मामले पहले भी कई बार सामने आ चुके हैं। ऐसा ही हृदयविदारक मामला मंगलवार को उस समय सामने आया, जब केंद्र के कर्मचारी गोबर के ढेर के बीच में छिपाकर तीन मृत गोवंश डंपर में लादकर ले जा रहे थे। इस बीच ज़िला गौरक्षा प्रमुख विवेक द्विवेदी, जिला संयोजक नरेश सिंह तोमर, रोहित सिंह, राहुल राज ,आशीष श्रीवास्तव, विमल पाल, ज्ञानू समेत दर्जनों कार्यकर्ताओं ने हंगामा शुरू कर दिया। कार्यकर्ताओं ने गोबर से लदी गाड़ी को खुलवाकर तोनों मृत गोवंश बाहर निकलवाए।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि संरक्षण केंद्र के कर्मचारी बीमार पशुओं का उपचार नहीं कराते हैं और इससे उनकी मौत हो जाती है। मृत गोवंश को गोबर के ढेर के बीच डालकर गाड़ियों में छिपाकर बाहर फिकवा दिया जाता है। केंद्र में आधा दर्जन से अधिक पशु बीमार और मरणासन्न अवस्था में पाए गए हैं। पनकी थाना इंस्पेक्टर दधिबल तिवारी ने बताया कि हंगामे की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई थी। गौसेवा से जुड़े कार्यकर्ताओं ने गोवर लदी गाड़ी से मृत गोवंश को बाहर निकलवाकर सड़क पर रखवा दिया था। मृत गोवंश दूसरी गाड़ी से भिजवाए गए हैं।
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