कानपुर नगर में भ्रष्टाचार पर सख्ती: मल्टीलेवल पार्किंग और मनरेगा में अनियमितता पर लगाया जुर्माना
प्रदेश सरकार की भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति के तहत कानपुर नगर के तहसील सदर में निर्माणाधीन मल्टीलेवल पार्किंग में खामियों को लेकर कड़ी कार्रवाई की गई है।

- मल्टीलेवल पार्किंग में खामियों पर ₹5 लाख का जुर्माना
कानपुर नगर: प्रदेश सरकार की भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति के तहत कानपुर नगर के तहसील सदर में निर्माणाधीन मल्टीलेवल पार्किंग में खामियों को लेकर कड़ी कार्रवाई की गई है। विगत 20 जनवरी 2025 को जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने इस परियोजना का निरीक्षण किया था। निरीक्षण के दौरान बीम और कॉलम में शटरिंग जॉइंट पर सीमेंट की बोरियां लगी पाई गईं, साथ ही ग्राउंड फ्लोर की बाहरी बीम में bulging (उभाड़) देखा गया। इस लापरवाही पर जिलाधिकारी ने गहरा रोष जताया था।
निरीक्षण के बाद जिलाधिकारी ने परियोजना प्रबंधक एस.के. वर्मा को कई बार निर्माण एजेंसी मेसर्स गंगा इंफ्रा बिल्ड प्राइवेट लिमिटेड को कमियों को ठीक करने के निर्देश दिए, लेकिन अब तक सुधार नहीं हुआ। इसके चलते जिलाधिकारी के आदेश पर परियोजना प्रबंधक ने उक्त संस्था पर ₹5 लाख का जुर्माना लगाया है, जिसकी कटौती संस्था के बिल से की जाएगी। यह कार्रवाई भ्रष्टाचार और लापरवाही के खिलाफ प्रशासन की सख्ती को दर्शाती है।
मनरेगा में अनियमितता पर प्रधान, ग्राम विकास अधिकारी और तकनीकी सहायक पर कार्रवाई
विकासखंड शिवराजपुर की ग्राम पंचायत निवादा मघई में मनरेगा योजना की जांच में अनियमितता सामने आई। जांच में दोषी पाए गए ग्राम प्रधान कैलाश पर ₹22,989, निलंबित ग्राम विकास अधिकारी मनोज वर्मा पर ₹22,989 और तकनीकी सहायक अरविंद बाजपेई पर ₹22,988 का जुर्माना लगाया गया है।
जिला पंचायती राज अधिकारी द्वारा ग्राम प्रधान से जुर्माने की वसूली के साथ प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी। निलंबित ग्राम विकास अधिकारी मनोज वर्मा से खंड विकास अधिकारी, शिवराजपुर द्वारा वसूली की जाएगी। वहीं, तकनीकी सहायक अरविंद बाजपेई से भी खंड विकास अधिकारी, शिवराजपुर वसूली करेंगे, साथ ही मुख्य विकास अधिकारी, कानपुर नगर द्वारा उन पर प्रशासनिक कार्रवाई भी की जाएगी।
प्रशासन का सख्त रुख
जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि भ्रष्टाचार और लापरवाही किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मल्टीलेवल पार्किंग और मनरेगा योजना में पाई गई खामियों पर की गई यह कार्रवाई सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति का हिस्सा है। प्रशासन का यह कदम जनता के बीच विश्वास बढ़ाने और योजनाओं के सही क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने की दिशा में एक मजबूत संदेश देता है।
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