कानपुर,अमन यात्रा। कानपुर में कमिश्नरेट प्रणाली लागू होने के बाद कई नई शक्तियां पुलिस को मिल गई है। जर्जर मकानों को गिराने के लिए पुलिस को जिला प्रशासन के फैसले का इंतजार नहीं करना होगा, बल्कि मौके की नजाकत देखते हुए पुलिस अधिकारी खुद इसका फैसला कर सकेंगे यह फैसला डीसीपी स्तर के अधिकारी को करना होगा। पिछले साल अनवरगंज के लोहा मंडी क्षेत्र में बेसमेंट की गहरी खुदाई के चलते एक मकान ढह गया था, जिसमें एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई थी।
इस घटना के बाद क्षेत्र के व्यापारियों व प्रभावित लोगों ने स्थानीय विधायक अमिताभ बाजपेई के नेतृत्व में कई दिनों तक धरना प्रदर्शन किया था, जिसकी वजह से क्षेत्र की कानून व्यवस्था को संभालना पुलिस के लिए मुश्किल पड़ गया था इसी तरह शहर में भी कई जर्जर मकान समय-समय पर गिरते रहे हैं, जिससे जन और धन हानि हुई है शहर में इस समय दर्जनों की संख्या में जर्जर इमारतें खड़ी हैं इनमें से अधिकांश में विवाद चल रहा है जिला प्रशासन की ओर से इस संबंध में सालों से कोई निर्णय नहीं लिया जा रहा है, जबकि यह सभी इमारतें जनहानि के अलावा कानून व्यवस्था के लिए भी संकट खड़ा करती है कमिश्नरेट प्रणाली में सीआरपीसी की धारा 133 के तहत पुलिस ऐसी इमारतों को गिराने का आदेश दे सकती है इसके अलावा ऐसे वृक्ष भी कटवाने का अधिकार है जो कि खतरनाक तरीके से झुक गए हो, जिससे कभी भी हादसा हो सकता है।