कानपुर में किदवईनगर को नहीं मिल रही कब्जे से मुक्ति, अवैध निर्माणों से हर माह लाखों की हो रही कमाई
उपाध्यक्ष राकेश सिंह ने जोन चार के विशेष कार्याधिकारी और अधिशासी अभियंता को जिम्मेदारी सौंपी है। इसके बाद से केडीए में खलबली मची हुई है। जांच उच्चस्तरीय हो गयी तो प्राधिकरण के कई अफसर और कर्मचारी भी सामने आएंगे।
कानपुर,अमन यात्रा । ओ ब्लाक सब्जी मंडी किदवईनगर में केडीए की अरबों रुपये की जमीन पर कब्जेदारों ने कब्जा कर रखा है। यहां तक की नागरिक सुविधाओं के लिए काटे गए भूखंडों तक को नहीं छोड़ा है। पेट्रोल पंप, सुलभ शौचालय, सामुदायिक केंद्र और धर्मकांटे तक की जगह को भी घेर कर निर्माण बना दिए है। हर माह लाखों रुपये किराए के रूप में वसूले जाते है। हतप्रभ कर देने वाली बात तो ये है कि केडीए के अफसरों व कर्मचारियों को सारी जानकारी है, लेकिन कार्रवाई के नाम पर केवल नोटिस देकर बैठ जाते हैं।
फिलहाल अभी 41 दबे रिक्त भूखंड मिले हैं। इसको नीलाम करने की तैयारी की जा रही है इससे करोड़ों रुपये की आय होगी। संपत्ति, अभियंत्रण और प्रवर्तन दस्ते के अफसर, अभियंता और कर्मचारियों की मिली भगत के चलते प्राधिकरण की जमीन पर कब्जे हो गए। पेट्रोल पंप, सुलभ शौचालय समेत अन्य मूलभूत सुविधाओं के लिए लेआउट में चिह्नित जगह पर कब्जा कर लिया है। इसको लेकर केडीए के अफसर केवल नोटिस देते रहे। अब मामला सामने आने पर उपाध्यक्ष राकेश सिंह ने जोन चार के विशेष कार्याधिकारी और अधिशासी अभियंता को जिम्मेदारी सौंपी है। इसके बाद से केडीए में खलबली मची हुई है। जांच उच्चस्तरीय हो गयी तो प्राधिकरण के कई अफसर और कर्मचारी भी सामने आएंगे। पिछले दिनों सर्वे में एक व्यक्ति के पास चार भूखंड मिले है जो लेआउट में दबे हुए थे। इसका जिक्र तक नहीं था। उपाध्यक्ष राकेश सिंह ने साफ कहा कि जांच रिपोर्ट आने पर जो भी दोषी है उसको बख्शा नहीं जाएगा।
Author: AMAN YATRA
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