कानपुर, अमन यात्रा । जीटी रोड चौड़ीकरण के लिए मंधना में अतिक्रमण हटाते समय मिली प्राचीन तिजोरी के अंदर क्या है, अभी रहस्य बरकरार है। खजाना हाेने की संभावना पर दुकान और मकान मालिक दोनों ने अपना अपना दावा पेश कर दिया है। वहीं लोगों के बीच भी कौतूहल बना है कि आखिर तिजोरी के अंदर कितना खजाना है। फिलहाल तहसीलदार ने तिजोरी को थाने के मालखाने में रखवा दिया है।
कहां मिली तिजाेरी
मंधना के बहलोलपुर में रहने वाले कारोबारी दिनेश त्रिवेदी की दुकान जीटी रोड के किनारे हैं। रोड चौड़ीकरण के लिए अतिक्रमण हटाने के दौरान खोदाई में फर्श के अंदर दो फीट नीचे ब्रिटिश कालीन पुरानी तिजोरी दिखाई पड़ी। तिजोरी पर ताला नहीं लगा था लेकिन ऊपर से बंद थी। तिजोरी में खजाना होने की बात फैलते ही लोगों की भीड़ एकत्र हो गई। पुलिस की मौजूदगी में बुलडोजर से तिजोरी को बाहर निकाला गया और चौकी में रखवाकर उच्चाधिकारियों को सूचना दी गई। इस दौरान लोगों में तिजोरी को खोले जाने की कौतूहलता बनी रही लेकिर उसे सुरक्षित रखवा दिया गया।
दुकान और मकान मालिक ने किया दावा
तिजोरी की जानकारी पर दुकान मालिक अरुण मिश्रा भी चौकी पहुंच गए। उन्होंने कहा कि बाबा स्व. रामगोपाल मिश्रा से किराना कारोबारी ने वर्षों पहले दुकान किराये पर ली थी। यह तिजोरी उनके बाबा की है। वहीं दुकानदार ने तिजोरी उसकी होने का दावा किया है। इसपर नायब तहसीलदार विराग करवरिया ने तिजोरी को सील करके थाने के मालखाने में सुरक्षित रखवा दिया है। फिलहाल दोनों दावेदारों में अभी तक कोई भी पुख्ता सबूत नहीं दे पाया है जिससे साबित हो की तिजोरी किसकी है। थाना प्रभारी अमित मिश्रा ने बताया कि मजिस्ट्रेट के समक्ष दावेदारी के सबूत मिलने के बाद ही तिजोरी खोली जाएगी।