कानपुर में भ्रष्टाचार पर लगाम: घूसखोरी के आरोप में चकबंदी लेखपाल निलंबित
कानपुर नगर के नर्वल तहसील में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई हुई है। गत शनिवार को जिलाधिकारी श्री जितेंद्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में हुए संपूर्ण समाधान दिवस में मिली शिकायतों के आधार पर, चकबंदी लेखपाल श्री कमलाकांत मौर्य को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।

- जिलाधिकारी की सख्ती, जीरो टॉलरेंस नीति के तहत कार्रवाई
कानपुर नगर – कानपुर नगर के नर्वल तहसील में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई हुई है। गत शनिवार को जिलाधिकारी श्री जितेंद्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में हुए संपूर्ण समाधान दिवस में मिली शिकायतों के आधार पर, चकबंदी लेखपाल श्री कमलाकांत मौर्य को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी, मोहम्मद असलम ने बताया कि शिकायतकर्ता राकेश प्रजापति ने लेखपाल मौर्य पर दो भूखंडों की पैमाइश के लिए ₹90 हजार की अवैध उगाही का आरोप लगाया था। इसमें से एक भूखंड की पैमाइश हो चुकी थी, जबकि दूसरे के लिए ₹20 हजार की अतिरिक्त मांग की जा रही थी। इसी प्रकार, एक अन्य शिकायतकर्ता श्री मनीष सिंह चौहान ने वरासत दर्ज कराने हेतु लेखपाल द्वारा ₹20 हजार की मांग किए जाने का आरोप लगाया।
इन गंभीर आरोपों को देखते हुए जिलाधिकारी ने बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी को त्वरित जांच के निर्देश दिए। जांच रिपोर्ट में पाया गया कि चकबंदी लेखपाल ने जोत चकबंदी अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए मनमाने ढंग से भूमि की नाप कर अवैध कब्जा दिलवाया। साथ ही, एक निर्विवाद वरासत के मामले को भी अनावश्यक रूप से लंबित रखा गया था।
जांच में दोषी पाए जाने के बाद चकबंदी लेखपाल कमलाकांत मौर्य को निलंबित कर दिया गया। जिलाधिकारी श्री जितेंद्र प्रताप सिंह ने इस कार्रवाई पर टिप्पणी करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भ्रष्ट आचरण में लिप्त और न्यायसंगत मामलों को अनावश्यक रूप से लटकाने वाले कर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।
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