कानपुर-सागर हाईवे पर सड़क सुरक्षा को लेकर जिलाधिकारी की अहम बैठक
कानपुर-सागर हाईवे पर हाल ही में हुई दुर्घटनाओं, ट्रैफिक जाम और मीडिया में आई खबरों का त्वरित संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने आज सड़क सुरक्षा और ट्रैफिक कंट्रोल करने के लिए कलेक्ट्रेट सभागार में एक महत्वपूर्ण बैठक की।

कानपुर: कानपुर-सागर हाईवे पर हाल ही में हुई दुर्घटनाओं, ट्रैफिक जाम और मीडिया में आई खबरों का त्वरित संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने आज सड़क सुरक्षा और ट्रैफिक कंट्रोल करने के लिए कलेक्ट्रेट सभागार में एक महत्वपूर्ण बैठक की।
NHAI की लापरवाही पर जिलाधिकारी की नाराजगी
बैठक में NHAI के अधिकारियों ने बताया कि नौबस्ता चौराहा से हमीरपुर तक लगभग 60 किलोमीटर की रोड 2016 में 2 लेन बनाई गई थी, जिसकी चौड़ाई पर्याप्त नहीं है, अब वे इसे 4 लेन का प्रस्ताव तैयार कर रहे हैं। जिलाधिकारी ने NHAI के अधिकारियों पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि NHAI ने जो ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए हैं, उन पर भी पिछले 1 वर्ष से कोई ठोस काम नहीं किया गया है। NHAI के अधिकारी टेंडर प्रक्रिया की बात कर रहे हैं, लेकिन यह खेद का विषय है कि लगभग 1 वर्ष से उन्होंने तीनों ब्लैक स्पॉट पर जमीनी स्तर पर कोई काम नहीं किया है। इसके लिए उनके विरुद्ध कार्रवाई हेतु अलग से प्रस्ताव भेजा जाएगा। उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुए यह भी कहा कि NHAI ने मौके पर ब्लैक स्पॉट पर कुछ नहीं किया है और अभी चार महीने का समय मांग रहे हैं। जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि इस विषय में NHAI के क्षेत्रीय अधिकारी को पत्र लिखा जाएगा कि वे यहां की टीम को सुपरवाइज कर लें और जिलाधिकारी ने NHAI के चेयरमैन से लापरवाही बरतने वालों पर कार्रवाई करने की सिफारिश करने की बात भी कही।
समिति का गठन एवं अन्य महत्वपूर्ण निर्देश
बैठक में जिलाधिकारी ने दुर्घटना और जाम से निजात पाने के लिए एक पांच सदस्यीय समिति का गठन भी किया है, जो प्रगति से संबंधित कार्य करने के साथ-साथ जिलाधिकारी को भी नियमित तौर पर अवगत कराएगी। इस दौरान जिलाधिकारी ने SAAINEJ करने और एंबुलेंस सुविधा को दुरुस्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस रूट में मोरंग और बालू से लदे ट्रक की ओवरलोडिंग रोकने हेतु खनन विभाग, ट्रांसपोर्ट विभाग व अन्य विभागों की जिम्मेदारी तय की जाएगी। ओवरलोडिंग व ओवर स्पीडिंग वाहनों की वजह से जो भी दुर्घटनाएं होगी, उसकी जिम्मेदारी खनन विभाग व ट्रांसपोर्ट विभाग की होगी। ट्रांसपोर्ट विभाग ने जो फाइन लगाए हैं, वह पर्याप्त नहीं हैं, फाइन के लिए पुलिस विभाग भी सहयोग करेगा।
उन्होंने नाराजगी व्यक्त करते हुए यह भी कहा कि जो डाटा एनपीआर कैमरे से हमीरपुर बॉर्डर में लगा हुआ है, उस डाटा को अभी तक खनन विभाग के अधिकारियों ने इस्तेमाल नहीं किया है। इस पर उन्होंने निर्देश दिया कि एनपीआर कैमरे वाला जो एम. गेट चेकिंग होता है, उसका डेटा उपयोग करेंगे और डिस्ट्रिक्ट मिनरल्स फंड से जनपद में भी एम. गेट चेक लगाया जाएगा, जिससे गलत नंबर प्लेट, ओवरलोडिंग व ओवर स्पीडिंग को चेक किया जा सकता है। जिलाधिकारी ने नौबस्ता बाईपास से हमीरपुर के बीच सिक्स लेन हेतु प्रपोजल तैयार करने के भी निर्देश दिए। बैठक में टाटा के कमल मोटर्स व अशोक लीलैंड के प्रतिनिधियों ने आश्वासन दिया है कि दुर्घटना की वजह से जिन ट्रकों के पहिए जाम हो जाते हैं, उस पर कम किया जाएगा और ट्रक के फंसने पर उसके पहिए को अनलॉक करके ट्रक को वहां से हटाया जा सकेगा। बैठक में NHAI और पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने बताया कि नौबस्ता चौराहे से हमीरपुर के बीच गाड़ियों की धुलाई की जो शॉप दुकानें हैं, वह अवैध हैं।
एडीएम वित्त एवं राजस्व राजेश कुमार की जिम्मेदारी होगी कि सड़क के किनारे जो अवैध कट व रोड के चौड़ीकरण की पटरी का जो दुरुपयोग हो रहा है, उसे रोका जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि ब्लैक स्पॉट के संबंध में लोगों को जागरूक किया जाए। खनन परिवहन विभाग और लोकल पुलिस मिलकर ओवरलोडिंग की चेकिंग करें व उन पर भारी फाइन लगाते हुए मुकदमा भी दर्ज कराया जाए। उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि लगभग 60 किलोमीटर की दूरी के बीच सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों की location, मोबाइल नंबर इत्यादि हाईवे के प्रमुख स्थानों पर चस्पा किए जाएं। हाईवे पर ई-रिक्शा को नियंत्रित किया जाए। समुचित संख्या में पेट्रोलिंग व्हीकल लगाई जाए। नौबस्ता बाईपास से हमीरपुर के बीच 50 टन की क्षमता वाले हाइड्रा की तैनाती की जाए।
उन्होंने निर्देशित किया कि DCP ट्रैफिक और NHAI के अधिकारी आपस में समन्वय स्थापित करें। डीसीपी ट्रैफिक NHAI से आवश्यक सहायता लिखित में लेते हुए जिलाधिकारी को भी अवगत कराएं। ट्रांसपोर्ट विभाग नियमित रूप से मॉनिटर करेगा कि रोड सेफ्टी के जो पॉइंट्स हैं, उस पर ट्रक चल रहे हैं कि नहीं, जो मोरंग मंडी है, वहां पर ट्रकों का डायवर्सन हो रहा है कि नहीं, और ट्रकों को टाइम से अटेंड कर रहे हैं कि नहीं कर रहे हैं। उक्त विषय पर उनका भी उत्तरदायित्व और जिम्मेदारी तय होगी। जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि पीडब्ल्यूडी के नोडल अनूप सभी विभागों की प्रगति की अपडेट जिलाधिकारी को देंगे व अन्य संबंधित विभाग भी मासिक बैठक के अलावा प्रतिदिन उन्हें प्रगति से संबंधित अपडेट देंगे। उन अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जाएगी जिनके संज्ञान में आने पर भी दुर्घटनाओं व सड़क जाम को रोक नहीं जा सका। जिला प्रशासन और ट्रैफिक विभाग का प्रयास रहे कि इसमें जो भी उत्तरदायी विभाग है, वे सब मिलकर काम करें, जिससे शहर को सड़क दुर्घटना या जाम से निजात दिलाया जा सके।
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