कानपुर

कानपुर स्थित मंधना क्षेत्र के किसानों को भूमि वापस कर सकता है यूपीसीडा, मुआवजे के रूप में बांटी जा चुकी धनराशि

शासन ने इस प्रोजेक्ट को अमृतसर- कोलकाता ईस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का हिस्सा बनाने की तैयारी की तो पता चला कि यहां कब्जा लेना आसान नहीं है । किसान किसी भी दशा में बिना चार गुना मुआवजा के कब्जा नहीं देंगे।

कानपुर,अमन यात्रा । उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) मंधना औद्योगिक क्षेत्र प्रोजेक्ट को रद कर सकता है। इस इसके साथ ही प्रोजेक्ट की भूमि किसानों को वापस कर उनसे मुआवजे के रूप में दी गई राशि वापस ले सकता है। किसानों द्वारा मुआवजा लेने के बाद भी भूमि पर कब्जा ना देना और वर्तमान बाजार मूल्य या सॢकल रेट में जो अधिक हो उसका चार गुना मुआवजा मांगना ही इस समस्या का प्रमुख कारण है।

75 एकड़ भूमि का मुआवजा देना शेष 

उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने 8 साल पहले मंधना के आधा दर्जन गांव की करीब 900 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया था। ढाई हजार किसानों में से 80 फीसद से ज्यादा किसानों को 80 करोड़ से अधिक राशि मुआवजे के रूप में बांटी जा चुकी है।  75एकड़ भूमि का मुआवजा देना शेष है। जिन किसानों ने मुआवजा ले लिया था उन्होंने 2011 में आंदोलन शुरू किया और वे वहां पर यूपीसीडा को काम करने से रोक दिया। साथ ही जो विकास कार्य हुआ था उस पर खर्च राशि भी बर्बाद हो गई क्योंकि किसानों ने भूमि पर कब्जा करने के बाद वहां जुताई कर दी थी।

कई दौर की वार्ता के बाद भी जब बात नहीं बनी तो प्रबंधन ने उस समय बोर्ड में यह प्रस्ताव पास कर लिया कि किसानों को उनकी भूमि वापस की जाएगी और मुआवजा राशि के रूप में दिया गया धन वापस लिया जाएगा। हालांकि बाद में तय हुआ कि वहां औद्योगिक क्षेत्र बसाया जाएगा और किसानों से भूमि वापस ले ली जाएगी। एक बार फिर कब्जा लेने की तैयारी वहां शुरू हुई लेकिन किसान कब्जा देने को तैयार नहीं है और वे मुआवजा राशि जो ले चुके हैं उसे भी वापस कर पाने की स्थिति में नहीं हैं। स्थिति यह है कि शासन ने इस प्रोजेक्ट को अमृतसर- कोलकाता ईस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का हिस्सा बनाने की तैयारी की तो पता चला कि यहां कब्जा लेना आसान नहीं है । किसान किसी भी दशा में बिना चार गुना मुआवजा के कब्जा नहीं देंगे । 2022 के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर जल्द ही किसानों को भूमि वापस कर मुआवजा राशि वापस लेने पर निर्णय हो सकता है। प्राधिकरण के एक वरिष्ठ अफसर ने बताया कि बार-बार की गुजारिश के बाद भी किसी भी दशा में किसान भूमि नहीं देंगे ऐसे में अब उनसे पैसा वापस लेकर कहीं और औद्योगिक क्षेत्र के लिए भूमि का अधिग्रहण कराया जा सकता है।

AMAN YATRA
Author: AMAN YATRA

SABSE PAHLE


Discover more from अमन यात्रा

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Related Articles

Leave a Reply

AD
Back to top button

Discover more from अमन यात्रा

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading