कार्यभार ग्रहण करने के बाद महानिदेशक कंचन वर्मा ने शिक्षकों को दिया जोर का झटका

जिले के परिषदीय स्कूलों में आलमारी की शोभा बढ़ा रहे शासन से मिले टैबलेट को संचालित करने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से बजट आवंटित कर दिया गया है। एक टेबलेट वाले स्कूल को 1500 रुपये व दो टैबलेट वाले स्कूलों को 3000 रुपये की दर से बुधवार को धनराशि ट्रांसफर कर दी गई है।

लखनऊ/ कानपुर देहात। जिले के परिषदीय स्कूलों में आलमारी की शोभा बढ़ा रहे शासन से मिले टैबलेट को संचालित करने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से बजट आवंटित कर दिया गया है। एक टेबलेट वाले स्कूल को 1500 रुपये व दो टैबलेट वाले स्कूलों को 3000 रुपये की दर से बुधवार को धनराशि ट्रांसफर कर दी गई है।

वहीं दूसरी ओर हाल ही में महानिदेशक का पद सुशोभित करने आईं कंचन वर्मा ने शिक्षकों को जोर का झटका धीरे से दिया है। महानिदेशक कंचन वर्मा ने सभी जनपदों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को टैबलेट से ऑनलाइन अटेंडेंस लगाए जाने के सख्त निर्देश दिए हैं। अब स्पष्ट हो गया है कि शिक्षकों की टैबलेट के जरिए ऑनलाइन हाजिरी हर हाल में लगेगी। स्कूल के 12 रजिस्टर भी ऑनलाइन किए जाएंगे। लखनऊ मंडल में पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर यह योजना 20 नवंबर से शुरू हुई थी जिसकी शासन स्तर से लगातार मॉनीटरिंग हो रही है। अब इसे पूरे प्रदेश में एक साथ लागू किया जाएगा।

ऑनलाइन उपस्थिति का विरोधकर रहे शिक्षक-
परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों और छात्र-छत्राओं की ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज कराने को लेकर विरोध शुरु हो गया है। शिक्षकों का कहना है कि सरकार संसाधन उपलब्ध कराए बगैर संसाधन शिक्षकों पर जबरन नई व्यवस्था थोपी जा रही है। शिक्षकों का कहना है कि विद्यालयों में ऑनलाइन उपस्थिति के लिए शिक्षकों पर उनकी आईडी पर सिम लेने का दबाव बनाया जा रहा है। इसके अलावा देहात क्षेत्रों में पहले से ही नेटवर्क ऑनलाइन कार्य करने में बाधा बन रहा है। नेटवर्क के कारण शिक्षकों को छात्रों की ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करने में परेशानी का सामना करना पड़ेगा।

शासन ने ऑनलाइन हाजिरी शुरू करने के आदेश कर दिए हैं जोकि पूर्णतया गलत हैं। उनका यह भी कहना था कि शिक्षक काफी समय से पुरानी पेंशन बहाली, कैशलेस चिकित्सा, पदोन्नति, स्थानांतरण और प्रोन्नत वेतनमान की मांग कर है मगर शिक्षकों की मांगों को पूरा करने के बजाए उन पर नई व्यवस्था थोपी जा रही है जिसका हम सभी विरोध कर रहे हैं।
अधिकारियों का कहना है कि शिक्षकों की हाजिरी ई-अटेंडेंस से ही लगेगी। जो शिक्षक इस व्यवस्था को अपना चुके हैं। वह तो सेफ जोन में हैं जो इससे दूरी बना रहे हैं उन पर कार्यवाही होगी।

Author: aman yatra

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