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किसी भी बाहरी व्यक्ति को बिना अनुमति के गौशाला में प्रवेश न दिया जाए : आलोक सिंह

जिलाधिकारी आलोक सिंह के अध्यक्षता में लंपी स्किन डिजीज नियंत्रण, पशुओं को टीकाकरण के साथ निराश्रित पशुओं की समस्या के समाधान के सम्बन्ध में माँ मुक्तेश्वरी देवी सभागार कक्ष कलेक्ट्रेट में बैठक संपन्न हुई।

Story Highlights
  • जिलाधिकारी ने लंपी स्किन डिजीज नियंत्रण, पशुओं के टीकाकरण, निराश्रित पशुओं के संरक्षण के सम्बन्ध में की समीक्षा, दिये निर्देश

अमन यात्रा, कानपुर देहात। जिलाधिकारी आलोक सिंह के अध्यक्षता में लंपी स्किन डिजीज नियंत्रण, पशुओं को टीकाकरण के साथ निराश्रित पशुओं की समस्या के समाधान के सम्बन्ध में माँ मुक्तेश्वरी देवी सभागार कक्ष कलेक्ट्रेट में बैठक संपन्न हुई।

बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि प्रत्येक गौशाला के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएं, उसके साथ एक पशु चिकित्सक की भी जिम्मेदारी तय की जाए, सभी पशु गौशाला में संरक्षित हो यह जिम्मेदारी संबंधित नोडल अधिकारी की होगी, प्रत्येक सप्ताह इसकी समीक्षा की जाएगी। उन्होंने कहा कि गौशालाओं के रखरखाव की स्थिति अत्यंत चिंतनीय है, सभी संबंधित अधिकारी गौशालाओं की स्थिति को सुधारने पर विशेष बल दें अन्यथा की स्थिति में कठोर कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने कहा यह खुशी की बात है कि अभी जनपद में लंपी स्किन डिजीज कोई भी मामला प्रकाश में नहीं आया है, फिर भी जो नए निराश्रित गोवंश संरक्षित किये जाए ,उन्हें पहले अलग बाडे में रखा जाय, निश्चित समय के बाद ही उन्हें मुख्य बाडे में स्थानांतरित किया जाए। प्रत्येक गौशाला पर चारे, पानी, भूसा, दवा की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए, किसी भी बाहरी व्यक्ति को बिना अनुमति गौशाला में प्रवेश न दिया जाए, साथ ही साथ उन्होंने यह भी कहा कि गौशाला में पशुओं को छोटे, बड़े के हिसाब से अलग-अलग रखा जाये।

पुलिस अधीक्षक बीबीजीटीएस मूर्ति निर्देशित करते हुए कहा कि यदि किसी पशु स्वामी के पास पंजिका में दर्ज पुशओं की संख्या से कम पशु पाए जाते हैं और उनके द्वारा निराश्रित छोड़े जाने का मामला प्रकाश में आता है तो उनके विरूद्ध पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के अंतर्गत एफआईआर दर्ज कराई जाए।

उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि जो लोग रात्रि में पशु छोड़ देते हैं,उनको चिन्हित कर दण्डात्मक कार्यवाही सुनिश्चित की जाय। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि गोशाला में पशुओं के लिए चारे-भूसा की उपलब्धता का भी मुआयना करें, यदि कोई कमी पाई जाए तो तत्काल संबंधित अधिशासी अधिकारी नगर निकाय अथवा खण्ड विकास अधिकारी को अवगत कराना सुनिश्चित करें, ताकि उक्त कमी को दूर किया जा सके।

उन्होंने निर्देश दिए कि नियमित रूप से गौशाला में पशुओं के स्वास्थ्य का परीक्षण कराएं और यदि कोई पशु बीमार अवस्था में पाया जाए तो तत्काल उसके उपचार की समुचित व्यवस्था करना सुनिश्चित करें। बैठक के दौरान सीवीओ, जिला विकास अधिकारी, डीसी मनरेगा, डीसी एनआरएलएम, समस्त खंड विकास अधिकारी आदि मौजूद रहे।

AMAN YATRA
Author: AMAN YATRA

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