रुरा कानपुर देहात।जनपद कानपुर देहात के कस्बा रुरा में विवादित रामलीला मैदान में अवैध कब्जे के चलते रामलीला का मंचन नही हो सका वही इस वर्ष कोरोनावायरस महावारी के चलते बड़े आयोजन हुआ मेला का कार्यक्रम सरकार द्वारा दी गई गार्डलाइन के चलते नही हो सका। विजय दशमी यानी दशहरे (Dussehra) के दिन ही भगवान श्री राम ने रावण पर विजय प्राप्त की थी. इस दिन अस्त्र-शस्त्रों की पूजा करने का भी विधान है, विजय पर्व मनाया जाता है।
आइए आज आपको भगवान राम की कुंडली की खासियत और रावण की कुंडली में बड़े दोष के बारे में बताते हैं , जो कि पराक्रमी रावण के वध का बड़ा कारण बनी थी. भगवान राम की कुंडली कर्क लग्न की है और रावण की सिंह लग्न की है. दोनों के लग्न में विद्यमान बृहस्पति दोनों ही योद्धाओं की शक्तिशाली बनाता है. लेकिन राम का बृहस्पति लग्न में परमोच्च का है, जो उन्हें विशिष्ट बना देता है।
जबकि कुंडली में राहु के कारण रावण की मति भ्रष्ट हुई थी और उसे राक्षस की श्रेणी में रखा गया था. लग्न में पंचमेश व दशमेश की युति भी है. हालांकि उच्च के शनि और बुध के कारण रावण एक ज्ञानी, विद्वान और अत्यंत पराक्रमी योद्धा था, जिसे हरा पाना शायद ही किसी के बस में हो.
हालांकि दोनों की कुंडली का योग देखा जाए तो प्रभु श्री राम का बृहस्पति ही रावण पर भारी पड़ा और इसी के कारण रावण परास्त हुआ. उसके वध की भी ये बड़ी वजह थी. लंका पर विजय हासिल करने के बाद भगवान राम सीता को लेकर वापस अयोध्या निवास को लौट गए।