नवजात की मृत्यु पर मिलेगा अब 60 दिनों का मैटरनिटी अवकाश
केंद्र सरकार ने महिला कर्मचारियों को प्रसव में मृत शिशु पैदा होने या जन्म के चार सप्ताह तक उसकी मौत होने पर 60 दिन की छुट्टी देने का एलान किया है। दुर्भाग्यपूर्ण परिस्थिति में मां के भावनात्मक आघात को ध्यान में रखते हुए सरकार ने यह फैसला किया है।

- मैटरनिटी लीव को लेकर केंद्र का नया आदेश
- जन्म के चार हफ्तों तक बच्चे की मौत पर महिलाकर्मी को मिलेगा 60 दिन का विशेष अवकाश
- केंद्रीय कर्मियों को नवजात की मृत्यु पर मिलेगा अब 60 दिनों का मातृत्व अवकाश
कानपुर देहात,अमन यात्रा : केंद्र सरकार ने महिला कर्मचारियों को प्रसव में मृत शिशु पैदा होने या जन्म के चार सप्ताह तक उसकी मौत होने पर 60 दिन की छुट्टी देने का एलान किया है। दुर्भाग्यपूर्ण परिस्थिति में मां के भावनात्मक आघात को ध्यान में रखते हुए सरकार ने यह फैसला किया है। कार्मिक व प्रशिक्षण विभाग ने शुक्रवार को आदेश भी जारी कर दिए। हालांकि इस अवकाश का लाभ पहले दो से कम संतान और अधिकृत अस्पताल में प्रसव की शर्त पर ही मिलेगा। मंत्रालय को ऐसे हालात में स्पष्टीकरण के लिए कई आवेदन मिले। स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्रालय के साथ विचार-विमर्श के बाद यह फैसला किया गया है। केंद्र सरकार की महिला कर्मचारियों को प्रसव के तुरंत बाद नवजात शिशु की मृत्यु होने की स्थिति में 60 दिनों का विशेष मातृत्व अवकाश दिया जाएगा। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने शुक्रवार को इस संबंध में आदेश जारी किया। इसमें कहा गया है कि मां को पहुंचने वाली भावनात्मक चोट को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है क्योंकि ऐसी घटनाओं का मां के जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। विभाग ने बताया कई आवेदन मिले हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय से विचार-विमर्श किया गया। मृत नवजात शिशु के जन्म या प्रसव के बाद उसकी मौत से पहुंचने वाले सदमे को ध्यान में रखते हुए सरकार ने फैसला लिया है।
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केंद्र सरकार ने मातृत्व अवकाश को लेकर नया आदेश जारी किया है। शुक्रवार को कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की ओर से जारी नए आदेश के मुताबिक, सभी महिला कर्मचारियों को प्रसव के तुरंत बाद नवजात शिशु की मौत होने की स्थिति में 60 दिनों का विशेष मातृत्व अवकाश दिया जाएगा। आदेश में कहा गया है कि मृत शिशु पैदा होने या जन्म के तुरंत बाद नवजात शिशु की मौत से मां को पहुंचने वाली भावनात्मक चोट को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है क्योंकि ऐसी घटनाओं का मां के जीवन पर बहुत गहरा प्रभव पड़ता है।

क्या कहता है नया आदेश-
डीओपीटी ने अपने आदेश में कहा है कि अगर केन्द्र सरकार की महिला कर्मचारी पहले ही मातृत्व अवकाश ले चुकी है और मृत शिशु पैदा होने या शिशु की मृत्यु होने तक उसका अवकाश जारी है तो ऐसा होने की तारीख तक कर्मचारी द्वारा लिए गए अवकाश को उसके पास मौजूद अन्य किसी अवकाश में तब्दील किया जा सकता है जिसमें किसी प्रकार के मेडिकल प्रमाणपत्र की आवश्यकता नहीं होगी। आदेश के अनुसार कर्मचारी को मृत बच्चे के जन्म या बच्चे की मृत्यु होने पर उस दिन से तत्काल 60 दिनों का विशेष मातृत्व अवकाश दिया जाएगा।
कब और कैसे लिया जा सकता है यह अवकाश-
आदेश के अनुसार अगर केन्द्र सरकार की महिला कर्मचारी ने मातृत्व अवकाश नहीं लिया है तो मृत शिशु के जन्म या शिशु की मृत्यु होने की तारीख से उसे 60 दिनों का विशेष मातृत्व अवकाश दिया जा सकता है। जारी किए गए आदेश के अनुसार प्रसव से 28 दिन के भीतर नवजात शिशु की मृत्यु होने पर यह प्रावधान प्रभावी माना जायेगा।
इन शर्तों का करना होगा पालन-
आदेश के अनुसार विशेष मातृत्व अवकाश का लाभ केन्द्र सरकार की सिर्फ उन महिला कर्मचारियों को मिलेगा जिनकी दो से कम जीवित संतान हैं और जिनका प्रसव अधिकृत अस्पताल में हुआ है। अधिकृत अस्पताल से तात्पर्य सरकारी अस्पताल या ऐसे निजी अस्पतालों से है जो केन्द्र सरकार की स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) के पैनल में शामिल हैं। डीओपीटी के आदेश के अनुसार पैनल से बाहर के किसी निजी अस्पताल में आपात स्थिति में प्रसव होने पर इमरजेंसी प्रमाणपत्र देना अनिवार्य होगा।
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