कानपुर, अमन यात्रा । मंडल में सर्वाधिक कोरोना वैक्सीन की बर्बादी कानपुर नगर जिले में होने का मामला गरमा गया है। अब तक हुए कोरोना वैक्सीनेशन में 27 फीसद वैक्सीन बर्बाद हो चुकी है। विधान पार्षद सदस्य (एमएलसी) अरुण पाठक ने इसकी शिकायत शासन से की है। शासन के आदेश पर जिलाधिकारी ने सीएमओ से रिपोर्ट तलब की है। हालांकि स्वास्थ्य महकमे के अधिकारियों का दावा है कि को-विन पोर्टल पर इंट्री न होने की वजह से वेस्टेज अधिक दिख रहा है।

जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक में एमएलसी अरुण पाठक ने मंडल के छह जिले में सर्वाधिक 27 फीसद कोरोना वैक्सीन की बर्बादी कानपुर नगर जिले में होने की बात उठाई थी। उन्होंने कहा था कि आमजन वैक्सीन के लिए परेशान है, विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारियों की लापरवाही से वैक्सीन बर्बाद हो रही है। इसकी जांच होनी चाहिए। वहीं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पोर्टल पर डाटा धीमी गति से फीड होता है। इसीलिए वैक्सीन पहले लगा दी जाती है, लभार्थियों का डाटा बाद में अपलोड होता है।

फरवरी के एक सप्ताह में 40 फीसद बर्बादी

एमएलसी अरुण पाठक का कहना है कि विभागीय अधिकारियों के तर्क से मैं सहमत नहीं हूं। जब पोर्टल पर डिटेल फीड करने के बाद वैक्सीनेशन होता है तो पहले वैक्सीनेशन बाद में डाटा फीङ्क्षडग का तर्क समझ से परे हैं। उन्होंने बताया कि फरवरी के एक सप्ताह में 40 फीसद तक बर्बादी हुई, जो सर्वाधिक थी।

मुख्य सचिव की समीक्षा

मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने वैक्सीन को लेकर समीक्षा की। डीएम आलोक तिवारी ने उन्हें बताया कि पोर्टल न चलने की वजह से फीडिंग नहीं हो पायी थी। इस वजह से वेस्टेज ज्यादा दिख रहा था। अब डाटा फीड हो गया है इसलिए वेस्टेज सिर्फ आठ प्रतिशत रह गया है।

  • एमएलसी अरुण पाठक ने वैक्सीन की बर्बादी की बात उठाई है। शासन ने भी रिपोर्ट मांगी है। सीएमओ का कहना है कि जो वैक्सीनेशन हुआ है, उसकी डाटा इंट्री पोर्टल पर नहीं हुई है। इसलिए वेस्टेज अधिक दिख रहा है। मंगलवार तक विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है। -डॉ. जीके मिश्रा, अपर निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, कानपुर मंडल।