कोरोना संकट के बीच पीएम मोदी ने की अहम बैठक, ऑक्सीजन की स्थिति पर भी हुई चर्चा
कोरोना के देश में रोजाना बढ़ते मामलों के चलते देश के कोविड अस्पतालों मे बेड की संख्या फुल है और नए मरीजों को भर्ती होने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.
- प्रधानमंत्री मोदी को आवश्यक चीजों की उपलब्धता जैसे- ऑक्सीजन, दवाईयां, हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर के बारे में जानकारी दी गई.
नई दिल्ली,अमन यात्रा : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा करने के लिए मंगलवार को शीर्ष अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की. इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी को आवश्यक चीजों की उपलब्धता जैसे- ऑक्सीजन, दवाईयां, हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर के बारे में जानकारी दी गई. गौरतलब है कि कोरोना के देश में रोजाना बढ़ते मामलों के चलते देश के अस्पताल फुल हैं और नए मरीजों को भर्ती होने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.
बैठक के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा- “सशक्त समूहों के साथ तीन बैठकों के दौरान हमने ऑक्सीजन स्थिति और इसकी क्षमता बढ़ाने पर चर्चा की. और ज्यादा मेडिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार कर रहे हैं. साथ ही, कोविड-19 प्रोटोकॉल के प्रति जागरुकता बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं.”
During the three meetings with the empowered groups we discussed:
Oxygen situation and ways to further scale up capacities.
Creating more medical infrastructure.
Ways to deepen awareness on COVID-19 protocols. https://t.co/oUlMLqbr8R— Narendra Modi (@narendramodi) April 27, 2021
बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने अधिकारियों के निर्देश दिए कि वे राज्य सरकारों के साथ बेहतर तालमेल के साथ काम करें ताकि जल्द से जल्द पीएसए ऑक्सीजन प्लांट शुरू किया जा सके. अधिकारियों ने उन्हें यह बताया कि राज्य सरकारें जीवन रक्षक गैस की जरूरतों को पूरा करने के लिए प्लांट लगाने को लेकर काफी इच्छुक है.
प्रधानमंत्री मोदी का यह भी जानकारी दी गई कि राज्यों को ऑक्सीजन के आवंटन को लेकर सशक्त समूहों की तरफ से ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं. इस दौरान यह भी चर्चा की गई कि लिक्विड मेडिकल ऑक्सजीन (एलएमओ) पिछले साल अगस्त से 3 हजार मी. टन उत्पादन बढ़ाया गया है.
प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से दिए गए बयान के मुताबिक, साल 2020 के अगस्त में जहां 5700 मी. टन का प्रति दिन उत्पादन किया जा रहा था तो वहीं 25 अप्रैल तक वर्तमान में 8922 मी. टन का उत्पादन देश में किया जा रहा है.