कोविड टीकाकरण का गिरा ग्राफ, लगातार छठे दिन 20 लाख से कम डोज दी गई
कोरोना महामारी को रोकने के लिए वैक्सीनेशन सबसे बड़ा हथियार माना जा रहा है. लेकिन वैक्सीन की किल्लत सबसे बड़ी चुनौती बन गई है. बुधवार को देश में लगातार छठे दिन 20 लाख से कम वैक्सीन की डोज दी गई है.

नई दिल्ली,अमन यात्रा : कोरोना महामारी को रोकने के लिए वैक्सीनेशन सबसे बड़ा हथियार माना जा रहा है. लेकिन वैक्सीन की किल्लत सबसे बड़ी चुनौती बन गई है. बुधवार को देश में लगातार छठे दिन 20 लाख से कम वैक्सीन की डोज दी गई है. इस हफ्ते की शुरुआत 15 लाख से भी वैक्सीन की डोज देने के साथ हुई. सोमवार को करीब 13 लाख डोज दी गई, मंगलवार को करीब 12 लाख और बुधवार को ये आंकड़ा गिरकर 11.66 लाख डोज पर आ गया.
कोविन पोर्टल के अनुसार, बुधवार को देश में 754 जिलों में से 92 जिलों में एक भी वैक्सीन की डोज नहीं दी गई. देश में केवल छह राज्य ऐसे हैं जहां एक करोड़ से ज्यादा वैक्सीन की डोज दी चुकी हैं. ये राज्य हैं- गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल. महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा दो करोड़ से ज्यादा डोज दी जा चुकी है.
अगले दो महीने में खत्म होगा वैक्सीन संकट?
हालांकि देश में अगले दो महीनों में वैक्सीन संकट खत्म होने का अनुमान है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा है कि भारत इस साल के अंत तक वैक्सीन की 267 करोड़ खुराक हासिल कर लेगा. देश इस स्थिति में होगा कि कम से कम देश की पूरी वयस्क आबादी को यह टीका लगा दिया जाए. वैक्सीन की 51 करोड़ डोज जुलाई तक और 216 करोड़ अन्य खुराक अगस्त-दिसंबर के बीच में उपलब्ध होंगी.
वहीं एम्स डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया का कहना है कि संभवत अगले दो महीने में टीके बड़ी मात्रा में उपलब्ध हो जाएंगे क्योंकि वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां भारत में उत्पादन करना शुरू कर देंगी. इसके अलावा बाहर से भी वैक्सीन आएगी. हालांकि डॉ गुलेरिया ने ये भी कहा कि वैश्विक और राष्ट्रीय स्तर पर वैक्सीन की हमेशा कुछ ना कुछ कमी रहेगी.
Discover more from अमन यात्रा
Subscribe to get the latest posts sent to your email.