कौशल विकास केंद्र जैसे विकसित होंगे परिषदीय विद्यालय
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप प्रदेश में बेसिक शिक्षा में बदलाव किए जा रहे हैं। इसके तहत अब परिषदीय विद्यालयों में पठन पाठन के साथ-साथ बच्चों के कौशल विकास पर भी फोकस किया जाएगा।
- 1772 विद्यालयों के बच्चे सीखेंगे व्यावसायिक कौशल
- पहले चरण में सभी ब्लॉक के दो-दो स्कूलों में होगा क्रियान्वयन
अमन यात्रा, लखनऊ/कानपुर देहात। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप प्रदेश में बेसिक शिक्षा में बदलाव किए जा रहे हैं। इसके तहत अब परिषदीय विद्यालयों में पठन पाठन के साथ-साथ बच्चों के कौशल विकास पर भी फोकस किया जाएगा। पहले चरण में 1772 विद्यालयों में लर्निंग बाई डुइंग (करके सीखने) का कार्यक्रम शुरू किया गया है।
इसके तहत कक्षा छह से आठ के विद्यार्थियों को गणित व विज्ञान में दक्ष बनाया जाएगा। उन्हें व्यावसायिक कौशल की मूलभूत प्रौद्योगिकी से भी परिचित कराया जाएगा। इससे वह रोजगार के लिए तैयार हो सकेंगे। पहले चरण में सभी विकासखंडों के 2-2 उच्च प्राथमिक विद्यालयों में नए शैक्षिक सत्र 2023-24 से यह योजना शुरू होगी।
दूसरे चरण में सभी उच्च प्राथमिक व कंपोजिट विद्यालयों को शामिल किया जाएगा। लर्निंग बाई डुइंग कार्यक्रम के लिए प्रत्येक विद्यालय में संबंधित ट्रेड्स के लैब स्थापित की जाएगी। इस पर 34.73 करोड़ व्यय होगा। कार्यक्रम के लिए तकनीकी अनुदेशकों व विज्ञान शिक्षकों के लिए मॉड्यूल विकसित किया गया है।
यूनिसेफ व विज्ञान आश्रम के सहयोग से प्रदेश के 15 जिलों के 60 विद्यालयों में बतौर पायलट प्रोजेक्ट लर्निंग बाई डुइंग कार्यक्रम चलाया गया था। इसके तहत इंजीनियरिंग एंड वर्कशॉप, एनर्जी एंड एनवॉयरमेंट, एग्रीकल्चर, नर्सरी एंड गार्डनिंग होम एंड हेल्थकेयर की 60 गतिविधियों को विज्ञान व गणित के पाठ्यक्रम से मैप किया गया है। इससे विद्यार्थियों का कौशल विकास किया जाएगा।