G-4NBN9P2G16
शिक्षा

क्या सरकारी स्कूलों के निजीकरण की चल रही है साजिश, आखिर सरकारी शिक्षकों को क्यों किया जा रहा है बदनाम

बेसिक शिक्षा विभाग की गलत कार्यप्रणाली ने शिक्षकों को बदनाम कर दिया है। आला अधिकारियों द्वारा जानबूझकर पढ़ाई के कीमती समय को बर्बाद किया जा रहा है। शिक्षकों को गैर शैक्षणिक बेवाहियात के कार्यों में व्यस्त रखा जाता है।

राजेश कटियार, कानपुर देहात। बेसिक शिक्षा विभाग की गलत कार्यप्रणाली ने शिक्षकों को बदनाम कर दिया है। आला अधिकारियों द्वारा जानबूझकर पढ़ाई के कीमती समय को बर्बाद किया जा रहा है। शिक्षकों को गैर शैक्षणिक बेवाहियात के कार्यों में व्यस्त रखा जाता है।

शिक्षकों को कक्षा में शिक्षण कार्य करने का समय ही नहीं दिया जा रहा है लेकिन खराब परिणाम की सारी जिम्मेदारी उन पर ही डाली जा रही है। आम जनमानस में भी यह दुष्प्रचार किया जा रहा है कि सरकारी स्कूलों के शिक्षक बच्चों को पढ़ाते नहीं है बल्कि हराम की सैलरी ले रहे हैं। लोग बिना सोचे समझे शिक्षकों पर तंज कसते मिल जाएंगे। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि विभागीय अधिकारी ही शिक्षकों को बदनाम करने पर आमादा हैं।

दिन प्रतिदिन नए-नए आदेश जारी कर शिक्षकों को परेशान और बदनाम किया जा रहा है कुल मिलाकर सरकारी शिक्षण संस्थानों को निजी हाथों में सौंपने की साजिश रची जा रही है। इसको लेकर बेसिक शिक्षा विभाग व आईएएस अधिकारी के बीच अधिकारों व हकों को लेकर घमासान चल रहा है। दोनों की इस नूरा-कुश्ती में शिक्षक वर्ग अन्याय के खिलाफ लामबंद है और लगातार संघर्ष शील है। उधर विभाग के मुखिया यानी कि डीजी साहब शिक्षकों की हक की आवाज को बगावत की आवाज करार

देने के हथकंडे अपना रहे हैं। नियम कानूनों का हवाला देकर शिक्षकों को दबाव में लेना चाहते हैं जिससे वे विरोधी सुर न उठा सके। कुछ ऐसा ही टेबलेट से हाजरी लगाने के मामले में चल रहा है। डीजी साहब डिजिटल हाजरी तो चाहते हैं लेकिन क्रिटिकल रास्तों पर मुंह बंद कर लेते हैं लेकिन 15 मिनट की देरी होने पर पूरे दिन का वेतन काटने के आदेश दे रहे हैं। इसके लिए कई जनपदों के बीएसए से स्पष्टीकरण भी मांगा गया है। राज्य के 99 फीसदी शिक्षकों ने इस आदेश को मानने से इनकार कर दिया है। उनके साथ शिक्षामित्र अनुदेशक भी आ गए हैं।

 

डीजी विजय किरन आनंद अपनी ताकत दिखाना चाहते हैं तो नियमों के नाम पर सरकार को यह संदेश पंहुचाना चाहते हैं कि वे अनुशासन लागू कर रहे हैं। विभाग को सुधारना चाहते हैं। वे शिक्षकों को निकम्मा और चोर भी साबित करना चाहते हैं। वे उन्हें सुविधा भी देना नहीं चाहते। उनकी वर्षों पुरानी मांगो को भी पूरा करना नहीं चाहते हैं। शिक्षक नेताओं को भी मुंह बंद रखने को दबाव बनाते हैं। सरकार की नजरों में खुद को पाक-साफ साबित करने के लिए शिक्षकों को गलत साबित करना ही शायद उन्होंने अपना मकसद बना लिया है। शिक्षा विभाग से उनका मोह कुछ ज्यादा ही है तभी तो वे प्रयागराज के डीएम पद को छोडकर वापिस डीजी पद पर आ गए। जहाँ तक रियल टाइम उपस्थिति की बात है। नियम कानून के हिसाब से तो वह सही है लेकिन व्यवहारिक रूप से उसमें अनेक कठिनाइयां हैं। यदि रियल टाइम का आंकलन किया जाए तो राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, मंत्री या किसी भी वीवीआइपी और किसी भी वरिष्ठ आईएएस या आईपीएस का कार्यक्रम जब बनाया जाता है तो वह मिनट टू मिनट बनता है लेकिन वह मिनट टू मिनट होता कभी नहीं है जबकि उनके लिए भारी पुलिसबल रास्ता क्लीयर रहता है। शिक्षक के रास्ते में तो बाधा ही बाधा है। कही रास्ता नहीं, कही वाहन नही, कही नदी पार करनी पड़ती है, कही गन्ने की बोगियां रास्ता नहीं देती तो कही मिलो पैदल चलकर जाना पड़ता है। फिर वह कैसे राइट टाइम पहुंच सकता है। कही कही तो असामाजिक तत्वों के डर से महिलाओं को एकसाथ इकट्ठा होकर जाना पड़ता है फिर डीजी विजय किरन का यह आदेश कैसे फॉलो हो सकता है। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष अजीत सिंह, महामंत्री भगवती, संगठन मंत्री

शिवशंकर सिंह ने डीजी से मिलकर उन्हें व्यवहारिक परेशानी बताई लेकिन वे अपने तुगलकी फरमान को वापस लेने को तैयार नहीं हुए। अजीत सिंह ने डीजी को बताया कि अधिकांश परिषदीय विद्यालय ग्रामीण क्षेत्रों में अवस्थित है। हजारों विद्यालय ऐसे हैं जहाँ पहुंचने के लिए सड़के भी नहीं है। बरसात के दिनों में सैकड़ों विद्यालय बाढ़ क्षेत्र में आ जाते हैं। वहाँ नावों से विद्यालय जाना पड़ता है। ऐसे में टेबलेट से उपस्थित व्यवहारिक नही है। भगवती प्रसाद ने डीजी महाराज को समझाया कि आपको संगठन ने गत जून में 22 सूत्रीय मांगपत्र दिया था उसमें से अधिकांश पर आपने कोई कार्यवाही नहीं की है। पदोन्नति की प्रक्रिया 9 माह से गतिमान है अभी तक पूर्ण नहीं हुई है। न ही आपने किसी अधिकारी की जिम्मेदारी तय

करते हुए उनके खिलाफ कोई कार्रवाही की है। उन्होंने डीजी के प्रश्न पर कहा है कि टेबलेट से शिक्षक समस्त विभागीय कार्य करेंगे लेकिन अटेंडेंस का आदेश स्वीकार्य नहीं है। शिवशंकर सिंह ने डीजी साहब से कहा कि आपके आदेश से विगत एक

वर्ष से जनपदों में लगातार निरीक्षण का कार्य चल रहा है। बमुश्किल एक प्रतिशत शिक्षक एक दो मिनट ही देरी से आते पाए गए हैं। उसके बावजूद डिजिटल हाजरी लागू किया जाना कतई भी व्यवहारिक व स्वीकार योग्य नहीं है। देखने में आ रहा है कि अपनी नाक ऊंची रखने और शिक्षकों को चोर साबित कर सरकार की नजरों में अपने नंबर बढ़ाने के लिए डीजी साहब एड़ी से छोटी का जोर लगा रहे हैं। शिक्षकों को प्रताड़ित करने में ही वे अपना सरकारी समय लगा रहे हैं। हमारा ऐसा मानना है कि यदि डीजी पद पर विजय किरन आनंद विराजमान रहे तो उनकी तो विजय हो जाएगी लेकिन भाजपा सरकार ओपीएस की तरह हार जाएगी क्योंकि राज्य के शिक्षकों को जीवन के इस संघर्ष में मजा आ रहा है। डीजी साहब उन्हें जीतने नहीं दे रहे और वे हार मानने को तैयार नहीं। यह भी आशंका है कि अगर डीजी अपनी जिद पर कायम रहकर शिक्षकों का उत्पीड़न करते रहे तो वे भाजपा सरकार के खिलाफ खड़े हो सकते हैं। कुछ शिक्षकों को तो यह भी आशंका है कि विजय किरन आनंद भाजपा सरकार की विरोधी पार्टी से तो नहीं मिले हुए हैं कहीं साहब अपने तुगलगी फरमानों से भाजपा की लुटिया न डुबो दें। फिलहाल शिक्षक संगठनों ने एक दिसंबर को प्रदेश के सभी बीआरसी केंद्रों पर ऑनलाइन हाजिरी के तुगलकी फरमान को वापस लेने के लिए धरना प्रदर्शन का ऐलान किया है।

Author: aman yatra

aman yatra

Recent Posts

रसूलाबाद में संदिग्ध परिस्थितियों में बंबी में मिला युवक का शव,फैली सनसनी

पुखरायां।कानपुर देहात के रसूलाबाद थाना क्षेत्र के झींझक रोड पर दया गांव की तरफ जाने वाली बंबी में मंगलवार को… Read More

1 minute ago

यूपी में शीर्ष स्तर पर कई आईएएस अधिकारियों के तबादले

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रशासनिक स्तर पर बड़ा फेरबदल करते हुए कई वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों का तबादला कर दिया… Read More

4 minutes ago

कानपुर देहात में किशोर ने फांसी लगाकर की आत्महत्या,परिजनों में मचा कोहराम पुलिस जांच में जुटी

पुखरायां।कानपुर देहात में एक दर्दनाक घटना सामने आई है।सिकंदरा थाना क्षेत्र के रसधान कस्बे में एक 16 वर्षीय किशोर ने… Read More

4 minutes ago

राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला के प्रयासों से रनिया-रूरा को मिली एक-एक करोड़ की सौगात

कानपुर देहात: अकबरपुर-रनिया विधानसभा क्षेत्र की राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला के प्रयासों से रनिया और रूरा नगर पंचायत को जल निकासी… Read More

28 minutes ago

कानपुर देहात के संजय कुमार मिश्रा बने प्रदेशीय वॉलीबॉल प्रतियोगिता के रेफरी

कानपुर देहात: जिले के सैंथा स्थित जनतंत्र इंटर कॉलेज के व्यायाम शिक्षक एवं क्रीड़ा सचिव संजय कुमार मिश्रा का चयन… Read More

55 minutes ago

कानपुर देहात से लापता किशोरियों को पुलिस ने कड़ी मशक्कत कर सकुशल किया बरामद

कानपुर देहात के गजनेर थाना क्षेत्र के गांव रतवा मौजा नाही जूनिया से बीती रविवार से लापता दो नाबालिक सगी… Read More

1 hour ago

This website uses cookies.