राजेश कटियार, कानपुर देहात। शैक्षणिक सत्र के 10 माह बीत चुके लेकिन परिषद ने कंपोजिट ग्रांट जारी नहीं की। 10 माह से विद्यालयों के खर्च शिक्षक अपनी जेब से करते आ रहे थे। इस खबर को जनपद के समाचार पत्र अमन यात्रा ने प्रमुखता से प्रकाशित किया तो इसकी खबर लखनऊ तक पहुंची, सरकार की किरकिरी होते देख आला अफसरों ने कंपोजिट ग्रांट की आधी धनराशि जारी कर दी। अभी भी सवाल यह बना हुआ है कि कंपोजिट ग्रांट की पूरी धनराशि आखिर जारी क्यों नहीं की गई। सभी जानते हैं कि पिछले सत्र से कंपोजिट ग्रांट को खर्च करने का तरीका बदल दिया गया है, इस कारण से अगर समय रहते ग्रांट नहीं आती है तो लगभग 60 प्रतिशत कंपोजिट ग्रांट लैप्स हो जायेगी।
फिलहाल खबर प्रकाशित होने के बाद बेसिक के स्कूलों को सजाने संवारने के लिए सरकार ने कंपोजिट ग्रांट दे दी है। कंपोजिट ग्रांट किन कामों पर खर्च की जा सकती है यह पहले से ही निर्धारित है। वहीं इस बार शिक्षक मोबाइल सिम रिचार्ज के लिए इस ग्रांट से 1500 रुपये प्रति मोबाइल तक खर्च कर सकते हैं। कंपोजिट ग्रांट स्कूलों में छात्र-छात्राओं की संख्या के अनुसार दी गई है। जनपद को कंपोजिट ग्रांट की 50 फीसदी 6 करोड़ 28 लाख 55 हजार रुपए की धनराशि दी गई है।
बेसिक के स्कूलों को सजाने संवारने के लिए हर साल छात्र संख्या के अनुसार स्कूलों को कंपोजिट ग्रांट दी जाती है। जिले के 1913 परिषदीय स्कूलों में कंपोजिट ग्रांट के लिए 6 करोड़ 28 लाख 55 हजार रुपये दिए गए हैं। इस ग्रांट में से 10 प्रतिशत धनराशि स्कूलों की स्वच्छता एवं स्वास्थ्य पर खर्च की जाएगी। इसमें टायलेट क्लीनर, साबुन, झाडू, फिनायल, दवाइयां आदि खरीदा जा सकेगा। वहीं शौचालय में टूट फूट की रिपेयरिंग भी कराई जा सकती है। फर्स्ट एड बाक्स, अग्निशमन यंत्रों की रिफलिंग सहित अन्य उपकरण खरीदे जा सकते हैं। इसके अलावा स्कूलों की रंगाई पुताई, दरवाजे खिड़कियों व ग्रिल की पेंटिंग कराई जाएगी। इसके अलावा स्मार्ट क्लास को लेकर उपकरण खरीदे जा सकते हैं। जारी आदेश में यह भी कहा गया है कि अगर पिछले साल की धनराशि शेष है तो वह भी इस साल की धनराशि के साथ खर्च कर सकते हैं। सभी खर्चों के बिल बाउचर तैयार करके प्रेरणा पोर्टल पर दर्ज कराना होगा। साथ ही वित्तीय एवं भौतिक प्रगति रिपोर्ट पीएमएस पोर्टल पर अपलोड करनी होगी।
बीएसए रिद्धी पाण्डेय ने बताया कि परिषदीय स्कूलों को टेबलेट्स दिए गए हैं। टैबलेट संचालन के लिए सिम व रिचार्ज के लिए धनराशि कंपोजिट ग्रांट से खर्च की जा सकेगी। उन्होंने बताया कि जारी आदेश के अनुसार एक टैबलेट के लिए मार्च तक के लिए 1500 रुपये खर्च किए जा सकते हैं। वहीं जहां दो टेबलेट हैं वहां तीन हजार रुपये खर्च किए जा सकते हैं। यह धनराशि मार्च तक के लिए दी गई है। सिम की खरीद स्थानीय कनेक्टिविटी के अनुसार की जाएगी। बताते चलें कि ऑनलाइन उपस्थिति को लेकर टेबलेट मिलने के बाद शिक्षक डाटा व सिम की मांग कर रहे थे। कंपोजिट ग्रांट में इसकी व्यवस्था की गई है।
वित्त एवं लेखाधिकारी आशुतोष त्रिपाठी ने बताया कि कंपोजिट ग्रांट की 50 फीसदी धनराशि प्राप्त हो गई है। तीन दिवस के अंदर विद्यालय प्रबंध समिति के खातों में उक्त धनराशि स्थानांतरित कर दी जाएगी।
इस आधार पर मिलता है ग्रांट-
1 से 30 तक 10 हजार
31 से 100 तक 25 हजार
101 से 250 तक 50 हजार
251 से 1000 तक 75 हजार
1000 से अधिक एक लाख
कितने स्कूलों को कितनी मिलेगी ग्रांट-
जनपद के 148 स्कूलों को दस हजार, 1133 स्कूलों को 25 हजार, 574 स्कूलों को 50 हजार, 58 स्कूलों को 75 हजार रुपए की दर से कुल 1913 स्कूलों को 6 करोड़ 28 लाख 55 हजार रूपए की धनराशि भेजी गई है।
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