कानपुर नगर के मोतीझील स्थित मण्डलीय खादी एवं ग्रामोद्योगी प्रदर्शनी में आज ‘खादी उत्सव’ का उद्घाटन हुआ। इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री राकेश ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। इस अवसर पर कानपुर लोकसभा से सांसद रमेश अवस्थी भी मौजूद रहे। इस प्रदर्शनी का आयोजन खादी और ग्रामोद्योग के क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने के उद्देश्य से किया गया था।
कैबिनेट मंत्री राकेश ने अपने उद्घाटन भाषण में खादी की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्ता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “खादी न केवल भारत की गौरवपूर्ण सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है, बल्कि यह हमारे स्वदेशी उत्पादों के प्रति आत्मनिर्भरता की दिशा में एक अहम कदम भी है।” उन्होंने यह भी बताया कि खादी और ग्रामोद्योग का विकास गांवों में रोजगार के अवसर पैदा करने के साथ-साथ भारतीय अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने में अहम भूमिका निभा रहा है।
कैबिनेट मंत्री ने आगे कहा कि खादी के उत्पादों को बढ़ावा देकर हम न केवल हमारे कारीगरों और हस्तशिल्पियों को प्रोत्साहित कर रहे हैं, बल्कि एक आत्मनिर्भर भारत की दिशा में भी योगदान दे रहे हैं। उन्होंने खादी के प्रचार-प्रसार के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए, राज्य और केंद्र सरकार के संयुक्त प्रयासों से खादी उद्योग को और भी प्रोत्साहित करने की बात कही।
कानपुर लोकसभा के सांसद रमेश अवस्थी ने इस अवसर पर कहा, “खादी हमारे स्वावलंबन का प्रतीक है और यह हमारे राष्ट्र के आत्मनिर्भर बनने की दिशा में एक अहम भूमिका निभाती है।” उन्होंने खादी उत्सव के आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के कार्यक्रम न केवल खादी को प्रोत्साहित करते हैं, बल्कि स्थानीय कारीगरों को भी उनके हुनर को दुनिया के सामने लाने का एक बेहतरीन अवसर प्रदान करते हैं।
‘खादी उत्सव’ के उद्घाटन कार्यक्रम में कई खादी उत्पादों और ग्रामोद्योग से संबंधित वस्तुओं का प्रदर्शन किया गया। इस प्रदर्शनी का उद्देश्य खादी के उत्पादन को बढ़ावा देना, कारीगरों को एक मंच पर लाना और स्थानीय उत्पादों के प्रति जागरूकता फैलाना है। प्रदर्शनी में खादी के कपड़े, वस्त्र, हस्तशिल्प और अन्य ग्रामोद्योग उत्पादों की आकर्षक प्रदर्शनी लगाई गई थी, जो दर्शकों का ध्यान आकर्षित कर रही थी।
मंत्री राकेश ने स्थानीय उत्पादों और खादी की खरीदारी को बढ़ावा देने के लिए सभी नागरिकों से आह्वान किया। उन्होंने कहा, “हमारे गांवों में खादी और ग्रामोद्योग के उत्पादों का उत्पादन किया जाता है। अगर हम इन उत्पादों को अपनाएं, तो यह न केवल हमारी सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित रखने में मदद करेगा, बल्कि हमारे किसानों और कारीगरों की जीवनशैली में भी सुधार होगा।”
खादी और ग्रामोद्योग के क्षेत्र में बढ़ते हुए निवेश और विकास से यह उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले समय में ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और गांवों के विकास में महत्वपूर्ण बदलाव आएगा। प्रदर्शनी में खादी के विभिन्न उत्पादों को देखकर उपस्थित लोगों ने उनके गुणों और उनके सामाजिक महत्व की सराहना की।
‘खादी उत्सव’ का उद्घाटन एक महत्वपूर्ण कदम था, जो न केवल खादी के प्रचार-प्रसार के लिए, बल्कि आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए भी अहम साबित होगा। यह कार्यक्रम खादी के प्रति जागरूकता बढ़ाने और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक नई शुरुआत करने का संदेश देता है।
आइए, हम सभी मिलकर खादी को अपनाएं और स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहित करें, ताकि हम एक मजबूत और आत्मनिर्भर राष्ट्र की ओर बढ़ सकें।
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