गन्ना किसानों के लिए खुशखबरी: राष्ट्रीय शर्करा संस्थान और यूपी गन्ना शोध परिषद के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर
कम लागत में होगी गन्ने की बेहतर पैदावार

- राष्ट्रीय शर्करा संस्थान और यूपी गन्ना शोध परिषद के बीच MOU साइन।
- गन्ना किसानों को मिलेगा उन्नत और कीट-प्रतिरोधी बीज।
- कम लागत और कम मेहनत में बेहतर पैदावार का लक्ष्य।
- लखनऊ में हुआ समझौता, मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी और अन्य अधिकारी रहे मौजूद।
कानपुर: गन्ना किसानों की आय बढ़ाने और फसल की गुणवत्ता सुधारने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण पहल की गई है। कानपुर के राष्ट्रीय शर्करा संस्थान (NSI) और उत्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद (UPCRC), शाहजहांपुर के बीच लखनऊ में एक समझौता ज्ञापन (MOU) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इस समझौते से किसानों को गन्ने का उन्नत बीज उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे कम लागत और कम मेहनत में बेहतर पैदावार संभव होगी।
लखनऊ में हुआ ऐतिहासिक समझौता
यह ऐतिहासिक समझौता लखनऊ में विधान सभा के मुख्य भवन में हुआ। इस दौरान उत्तर प्रदेश सरकार के महत्वपूर्ण अधिकारी भी मौजूद रहे। राष्ट्रीय शर्करा संस्थान की ओर से निदेशक प्रो. सीमा परोहा और उत्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद की ओर से अपर गन्ना आयुक्त, विकास/शोध एवं समन्वय वी.के. शुक्ल ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के चीनी उद्योग और गन्ना विकास विभाग के माननीय मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी, प्रमुख सचिव श्रीमती वीना कुमारी मीना, गन्ना एवं चीनी आयुक्त श्रीमती मिनिष्ठी एस., और राष्ट्रीय शर्करा संस्थान के प्रो. अशोक कुमार भी उपस्थित रहे।
समझौते से किसानों को क्या मिलेगा लाभ?
प्रो. सीमा परोहा ने बताया कि इस समझौते के तहत राष्ट्रीय शर्करा संस्थान के कृषि फार्म में गन्ने के उन्नत किस्म के प्रजनक बीज का उत्पादन किया जाएगा। ये बीज गन्ना शोध परिषद के माध्यम से किसानों तक पहुंचाए जाएंगे। इन बीजों की खास बात यह है कि ये कम लागत और कम श्रम में बेहतर पैदावार देंगे और इन पर कीटों का आसानी से असर नहीं होगा, जिससे किसानों की फसल सुरक्षित रहेगी और उनका मुनाफा बढ़ेगा।
यह पहल उत्तर प्रदेश सरकार की किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
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