गरीबी और संघर्ष को हराकर किसान का बेटा बना चार्टर्ड अकाउंटेंट, गांव में जश्न का माहौल
खखरेरू क्षेत्र के एक छोटे से गांव अढ़ैया के रहने वाले अलीम खान ने अपनी कड़ी मेहनत और लगन से वह कर दिखाया है, जो पूरे गांव के लिए गर्व का विषय बन गया है।

फतेहपुर: खखरेरू क्षेत्र के एक छोटे से गांव अढ़ैया के रहने वाले अलीम खान ने अपनी कड़ी मेहनत और लगन से वह कर दिखाया है, जो पूरे गांव के लिए गर्व का विषय बन गया है। एक साधारण किसान परिवार से आने वाले अलीम ने तमाम आर्थिक कठिनाइयों को पार कर चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) की प्रतिष्ठित परीक्षा पास कर ली है, जिसके बाद उनके गांव में खुशी की लहर दौड़ गई है।
21 जनवरी 1996 को जन्मे अलीम का बचपन आर्थिक तंगी में बीता। पांच साल की उम्र में उनके चाचा इशरत अली खान उन्हें मुंबई ले गए, जहां उन्होंने आठवीं कक्षा तक पढ़ाई की, लेकिन पैसों की कमी के कारण उन्हें वापस गांव लौटना पड़ा। गांव लौटकर भी अलीम का संघर्ष जारी रहा। उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखते हुए दसवीं 58% और बारहवीं 73% अंकों के साथ पास की।
पढ़ाई के साथ-साथ किया संघर्ष
पढ़ाई के दौरान अलीम ने अपने परिवार का हाथ बंटाने के लिए कंपाउंडर, दुकानदार और यहां तक कि पंचर बनाने का भी काम किया। वह अपनी लगन और कुछ नया करने की सोच के लिए जाने जाते थे। गांव में सबसे पहले उन्होंने गोबर गैस प्लांट और अपनी खुद की बनाई नाइट टॉर्च तैयार की। उनका सपना इंजीनियर बनने का था, लेकिन नियति ने कुछ और ही तय कर रखा था।
बड़े भाई और मार्गदर्शक ने दिया हौसला
अलीम के बड़े भाई वसीम अहमद और चार्टर्ड अकाउंटेंट कमर आलम खान ने उनके टैलेंट को पहचाना और उन्हें मुंबई बुलाकर CA की पढ़ाई शुरू करने की सलाह दी। यहीं से उनके जीवन में एक नया मोड़ आया। अलीम ने CA इंटरमीडिएट की दोनों परीक्षाएं पहले ही प्रयास में पास कर लीं, जिससे पूरा परिवार हैरान और गर्व महसूस करने लगा। आखिरकार, नवंबर 2024 में उन्होंने CA फाइनल की कठिन परीक्षा भी पास कर ली और अपने गांव के पहले चार्टर्ड अकाउंटेंट बने।
अलीम की सफलता ने यह साबित कर दिया है कि अगर हौसले बुलंद हों तो कोई भी मुश्किल बड़ी नहीं होती। उनकी यह उपलब्धि क्षेत्र के युवाओं के लिए प्रेरणा बन गई है।
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