गर्मियों में रखें सेहत का ख्याल, नहीं तो हो सकते हैं हीटवेव का शिकार
बढ़ते तापमान और हीट वेव और हीट स्ट्रोक को लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से एडवाइजरी जारी की गई है। एडवाइजरी में लोगों से पर्याप्त मात्रा में पानी पीने और दोपहर में घर, दफ्तर से बाहर नहीं निकलने की सलाह दी गई है। स्कूल शिक्षा महानिदेशक कंचन वर्मा ने भी सभी जनपदों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को हीट वेव से बचाव व सुरक्षा के संबंध में आदेश जारी किया है वहीं इसके उलट विभिन्न शिक्षक संगठनों, अभिभावकों, शिक्षकों के द्वारा स्कूल समय परिवर्तन किए जाने की लगातार मांग करने के बावजूद स्कूल के समय में परिवर्तन नहीं किया जा रहा है।
कानपुर देहात। बढ़ते तापमान और हीट वेव और हीट स्ट्रोक को लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से एडवाइजरी जारी की गई है। एडवाइजरी में लोगों से पर्याप्त मात्रा में पानी पीने और दोपहर में घर, दफ्तर से बाहर नहीं निकलने की सलाह दी गई है। स्कूल शिक्षा महानिदेशक कंचन वर्मा ने भी सभी जनपदों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को हीट वेव से बचाव व सुरक्षा के संबंध में आदेश जारी किया है वहीं इसके उलट विभिन्न शिक्षक संगठनों, अभिभावकों, शिक्षकों के द्वारा स्कूल समय परिवर्तन किए जाने की लगातार मांग करने के बावजूद स्कूल के समय में परिवर्तन नहीं किया जा रहा है। परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे चिलचिलाती धूप और गर्मी से बीमार हो रहे हैं। अधिकारियों द्वारा स्कूलों में ओआरएस, ग्लूकोज और कुछ जरूरी दवाएं रखने का निर्देश दिया जा रहा है लेकिन जो अत्यंत महत्वपूर्ण आदेश है उस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है जहां एक ओर इंटर कॉलेजों में 12.30 बजे छुट्टी हो रही है वहीं दूसरी ओर नन्हें मुन्ने बच्चों के परिषदीय स्कूलों में 2 बजे तक शिक्षण कार्य किया जा रहा है। बहुत ज्यादा गर्मी हर किसी के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है हालांकि शिशु, बच्चे, गर्भवती महिलाएं और बुजुर्ग लोगों पर हीटवेव का ज्यादा खतरा रहता है। कटियार मेडिकल स्टोर के संचालक फार्मासिस्ट राजेश बाबू कटियार का कहना है कि गर्मियों में सेहत का रखें ख्याल नहीं तो हो सकते हैं हीटवेव का शिकार। हीटवेव से बचने के लिए उन्होंने लोगों को निम्नवत सेफ्टी टिप्स दिए-
हीट वेव की स्थिति शरीर की कार्य प्रणाली पर सीधे प्रभाव डालती है। तत्काल उचित उपचार उपलब्ध न होने की स्थिति में प्रभावित व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है। हीट वेव के प्रभावों को कम करने के लिए इन तथ्यों पर ध्यान देना अति आवश्यक है।
क्या करें
- सावधान रहें
हीट वेव/लू के संबंध में प्रचार माध्यमों से जारी की जा रही चेतावनी पर ध्यान दें।
हीट स्ट्रोक, हीट रैश, हीट कैंप के लक्षणों जैसे कमजोरी, चक्कर आना, सरदर्द, उबकाई (उल्टी), पसीना आना, मूर्छा आदि को पहचानें।
कमजोरी अथवा मूर्छा जैसी स्थिति का अनुभव होने पर तत्काल चिकित्सीय सलाह लें।
- हाइड्रेटेड रहे
अधिक से अधिक पानी पिएं यदि प्यास न लगी हो तब भी पानी पिए।
यात्रा करते समय पीने का पानी अपने साथ अवश्य ले जाएं।
एनर्जल, इलेक्ट्रॉल, ईनो, ओआरएस, घर में बने हुए पेय पदार्थ जैसे लस्सी, चावल का पानी, नींबू पानी, छाछ आदि का उपयोग करें जिससे शरीर में पानी की कमी की भरपाई हो सके।
जल की अधिक मात्रा वाले मौसमी फल एवं सब्जियों का प्रयोग करें जैसे तरबूजा, खरबूजा, संतरे, अंगूर, अन्नास और खीरा-ककड़ी।
- शरीर को ढककर रखें
हल्के रंग के पसीना शोषित करने वाले हल्के वस्त्र पहनें।
धूप के चश्मे, छाता, टोपी, व चप्पल का प्रयोग करें।
अगर आप खुले में कार्य करते हैं तो सिर, चेहरा, हाथ पैरों को गीले कपड़े से ढके रहे तथा छाते का प्रयोग करें।
- अधिक समय तक घर या कार्यालय के अंदर रहें
उचित वायु संचरण वाले शीतल स्थानों पर रहें।
सूर्य की सीधी रोशनी तथा हीट वेव को रोकने के लिए उचित प्रबंध करें और अपने घरों को ठंडा रखें। दिन में खिड़कियां, पर्दे तथा दरवाजे बंद रखें विशेषकर घर तथा कार्यालय के उन क्षेत्रों में जहां सूरज की सीधी रोशनी पड़ती हो। शाम/रात के समय घर तथा कमरों को ठंडा करने के लिए इन्हें खोल दें।
घर से बाहर होने की स्थिति में आराम करने की समयावधि तथा आवृत्ति को बढ़ाएं।
पंखे, कूलर, एसी, नमीयुक्त कपड़ों का उपयोग करें।
- उच्च जोखिम समूहों के लिए निर्देश
एक वर्ष से कम आयु के शिशु तथा अन्य छोटे बच्चे, गर्भवती महिलायें, आउटडोर कार्य करने वाले व्यक्ति, बीमार व्यक्ति, विशेषकर हृदय रोगी अथवा उच्च रक्तचाप से ग्रस्त व्यक्ति, ऐसे व्यक्ति जो ठंडे क्षेत्रों से गर्म क्षेत्रों में जा रहे हों वह सभी विशेष ध्यान रखें क्योंकि यह समूह हीट वेव के लिए अधिक संवेदनशील होता है।
- अन्य सावधानियां
ऐसे बुजुर्ग तथा बीमार व्यक्ति जो एकांतवास करते हों के स्वास्थ्य की नियमित रूप से देखभाल तथा समीक्षा की जानी चाहिए।
दिन के समय में अपने घर के निचले तल पर प्रवास का प्रयास करें।
शरीर के तापमान को कम रखने के लिए पंखे, गीले कपड़े इत्यादि का प्रयोग करें।
क्या न करें-
अधिक गर्मी वाले समय में विशेषकर दोपहर 12 से 3 बजे के मध्य, सूर्य की सीधी रोशनी में जाने से बचें।
नंगे पैर बाहर ना निकले।
अधिक प्रोटीन वाले खाद्य पदार्थों के प्रयोग से बचें तथा बासी भोजन का प्रयोग बिलकुल न करें।
बच्चों तथा पालतू जानवरों को बड़ी गाड़ियों में न छोड़ें।
गहरे रंग के भारी तथा तंग कपडे न पहनें।
जब बाहर का तापमान अधिक हो तब श्रमसाध्य कार्य न करें।
अधिक गर्मी के समय खाना बनाने से बचें, रसोई वाले स्थान को ठंडा करने के लिए दरवाजे तथा खिड़कियां खोल दें।
शराब, चाय, काफी, कार्बोनेटेड साफ्ट ड्रिंक आदि के उपयोग से बचें क्योंकि यह शरीर में निर्जलीकरण करते हैं।
डॉक्टर, फार्मासिस्ट या हेल्थ एक्सपर्ट की सलाह के बिना कोई भी दवा न खाएं।