कानपुर देहात
गुरु पूर्णिमा : महंत देवनारायण दास ने भक्तों को दिया दीक्षा मंत्र गुरु पूजा के बाद छका प्रसाद
जिला मुख्यालय से 8 किमी दूर स्थित श्री राम जानकी आश्रम में गुरु पूर्णिमा उत्सव हर्षोल्लास के साथ परम्परागत रूप से मनाया गया जहाँ आश्रम महन्त 1008 देव नारायण दास ने एक सैकडा़ नये भक्तों को गुरु दीक्षा देकर नेक राह पर चलने का आव्हान किया.
कानपुर देहात,सुशील त्रिवेदी : जिला मुख्यालय से 8 किमी दूर स्थित श्री राम जानकी आश्रम में गुरु पूर्णिमा उत्सव हर्षोल्लास के साथ परम्परागत रूप से मनाया गया जहाँ आश्रम महन्त 1008 देव नारायण दास ने एक सैकडा़ नये भक्तों को गुरु दीक्षा देकर नेक राह पर चलने का आव्हान किया. उपस्थित भक्तों ने उनका विधि विधान से पूजन किया तथा अन्न व दृव्य अर्पित किया. उल्लेखनीय है कि श्री राम जानकी आश्रम जिले का ख्याति प्राप्त आश्रम है जहाँ प्रसिद्ध राम लक्षण सीता की मूर्तियां जीवन्त हैं और मनोकामना पूर्ण करने वाली हैं. लगभग एक शताब्दी से भी अधिक समय पूर्व से यहाँ संस्कृत महाविद्यालय भी संचालित है जहाँ से संस्कृत ज्ञान के साथ साथ सनातन संस्कृति से ओतप्रोत होकर शिक्षार्थी देश भर में फैले हुए हैं। हालांकि कोरोना संक्रमण की आशंकाओं के चलते आश्रम वासियों ने भक्तों को प्रसाद के समुचित दूरी बनाए रखने की व्यवस्था की थी फिर भी भक्तों ने श्रद्धा और भक्ति के साथ महंत जी को पुष्प, अन्न, वस्त्र, फल आदि भेंट कर अपनी कृतज्ञता प्रकट की वहीँ आश्रम की ओर से भक्तों को प्रसाद वितरित किया गया. ज्ञात हो कि आश्रम में कानपुर नगर, उन्नाव, फतेहपुर, औरैया, इटावा, जालौन आदि अनेक क्षेत्रों से हजारों अनुयायी पहुंचे।
इस अवसर पर आयोजित समारोह का संचालन राघव दास जी ने किया जबकि पूर्व छात्र और अवकाश प्राप्त प्रधानाचार्य कमलेश कुमार पाण्डेय, ब्रह्म कुमार द्विवेदी, उमाशंकर पाण्डेय, राहुल तिवारी के अतिरिक्त रामनरेश त्रिपाठी वेद नारायण पांडे राजेश जी शुक्ला योगेश्वर अवस्थी गणेश जी गर्ग उप महंत राघव दास जी नारायण दास अवस्थी आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। इसी क्रम में रूरा रोड स्थित अत्रि आश्रम में भण्डारा आयोजित किया गया जहाँ सैकड़ों लोगों ने भोजन किया. बताते चलें कि आश्रम में बीते एक दशक से श्री राम चरित मानस की नियमित पाठ किया जा रहा है और गुरु पूर्णिमा पर भण्डारा आयोजित किया जाता है.इस अवसर पर लक्ष्मी कान्त दीक्षित, राम जी पाण्डेय, अजय कान्त दीक्षित, देव नारायण पाण्डेय, गया प्रसाद तिवारी, संजय अवस्थी, जगदीश यादव ब्रह्म कुमार द्विवेदी, अश्वनी अवस्थी आदि अनेक लोग शामिल हुए.
इस संबंध में संजय अवस्थी ने बताया कि आचार्य राजेश दीक्षित ने सबसे पहले श्री राम चरित मानस का पूजन कराया और धूमावती माँ व पीताम्बरा माता के विग्रहों का विधिवत् पूजन किया गया और 21 कन्याओं को भोजन कराने के बाद सामूहिक प्रसाद वितरण किया गया।