गुर्दे की पथरी का इलाज होमियोपैथी में सम्भव: डॉ0 एस0डी0 यादव
होमियोपैथिक चिकित्सा पद्धति में गुर्दे की पथरी के इलाज की अनेकों सम्भावनायें हैं। होमियोपैथिक फिजिशियन डॉ0 एस0 डी0 यादव दानगंज वाराणसी बताते हैं कि होमियोपैथिक दवाओं से गुर्दे की पथरी का इलाज बहुत ही सरल है मरीज़ को बिना कोई तकलीफ़ दिये होमियोपैथिक चिकित्सा से आसानी से निकाला जा सकता है।
दुर्गेश कुमार यादव, चोलापुर /वाराणसी: होमियोपैथिक चिकित्सा पद्धति में गुर्दे की पथरी के इलाज की अनेकों सम्भावनायें हैं। होमियोपैथिक फिजिशियन डॉ0 एस0 डी0 यादव दानगंज वाराणसी बताते हैं कि होमियोपैथिक दवाओं से गुर्दे की पथरी का इलाज बहुत ही सरल है मरीज़ को बिना कोई तकलीफ़ दिये होमियोपैथिक चिकित्सा से आसानी से निकाला जा सकता है। जैसा कि उन्होंने बताया कि वो अपने चिकित्सा से सैकड़ों मरीजों के गुर्दे की पथरी निकाल चुके हैं इन्होंने गुर्दे से निकली हुई अनेकों छोटी बड़ी पथरियां भी दिखांई।डॉ0 एस0डी0 यादव ने कुछ परहेज भी बताया कि अगर लोग अपनाते हैं तो पथरी होने की सम्भावना न के बराबर रहती है।
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पथरी के मरीज हैं तो अधिक समय में पचने वाले भोजन से दूर ही रहें जैसे मांस ,मछली, कोल्ड ड्रिंक्स आदि। फलों में स्ट्राबेरी, बेर, अंजीर, किशमिश इत्यादि। दुध और दुध से बने पदार्थ दही, पनीर, मक्खन का सेवन न के बराबर करें। अधिक प्रोटीन वाले फूड्स से प्यूरीन की मात्रा बढ़ जाये तो शरीर में यूरिक एसिड का लेवल अधिक होने से पथरी का आकार बढ़ सकता है। मरीज़ को पालक, टमाटर, चाकलेट जिसमें कि आक्सलेट्स की प्रचुर मात्रा होती है जो कैल्शियम को इकट्ठा कर लेता है यूरीन में नहीं पहुंचने देता है जिससे गुर्दे में पथरी बढ़ जाती है। चाय , नूडल्स, डीप फ्राई की हुई चीजें, जंक फूड्स , बैंगन, मशरूम, फूलगोभी के सेवन से भी बचना चाहिए।
सुझाव- सन्तरे का जूस , नींबू पानी, नारियल पानी और पानी का सेवन प्रयाप्त मात्रा में करना चाहिए।