गौरी में कलश यात्रा के साथ श्रीमद्भागवत कथा का हुआ शुभारंभ,कथावाचक ने बताई कथा की महिमा
भोगनीपुर तहसील क्षेत्र के देवराहट थाना क्षेत्र के गौरी गांव में गुरुवार को आयोजक मंडल द्वारा आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत सफ्ताह ज्ञान यज्ञ का शुभारंभ कलश यात्रा के साथ किया गया।कलश यात्रा में बड़ी संख्या में महिला श्रद्धालु शामिल रहीं।पवित्र जलस्रोत से जल भरकर लाने के बाद कथा आयोजन स्थल पर धार्मिक विधि एवं मंत्रोच्चार के साथ स्थापित किया गया

पुखरायां।भोगनीपुर तहसील क्षेत्र के देवराहट थाना क्षेत्र के गौरी गांव में गुरुवार को आयोजक मंडल द्वारा आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत सफ्ताह ज्ञान यज्ञ का शुभारंभ कलश यात्रा के साथ किया गया।कलश यात्रा में बड़ी संख्या में महिला श्रद्धालु शामिल रहीं।पवित्र जलस्रोत से जल भरकर लाने के बाद कथा आयोजन स्थल पर धार्मिक विधि एवं मंत्रोच्चार के साथ स्थापित किया गया।आरती के साथ शुरू की गई श्रीमद्भागवत कथा में स्वर सम्राट कथावाचक ने श्रोताओं को सर्वप्रथम इसकी महिमा से अवगत कराया।कथावाचक ने कहा कि विश्व में सभी कथाओं में ये श्रेष्ठ मानी गई है।जिस स्थान पर इस कथा का आयोजन होता है वह तीर्थस्थल कहलाता है।
इसको सुनने एवं आयोजन कराने का सौभाग्य भी प्रभु प्रेमियों को ही मिलता है।ऐसे में अगर कोई दूसरा भी इस कथा का श्रवण कर लेता है तो उसके जन्म जन्मांतर के पाप धुल जाते हैं।इसलिए सात दिन तक चलने वाली इस कथा को श्रवण करके अपने जीवन को सुधारने का मौका हाथ से नहीं जाने देना चाहिए।अगर कोई व्यस्तता के कारण सात दिवस तक लगातार इस कथा का श्रवण नहीं कर सकता है तो वह दो,तीन या चार दिन तक ही इस कथा को श्रवण करने के लिए अपना समय अवश्य निकाले।तब भी वह इसका फल प्राप्त करता है।क्योंकि ये कथा भगवान श्रीकृष्ण के मुख की वाणी है।जिसमें उनके अवतार से लेकर कंस वध तक प्रसंग का उल्लेख होने के साथ साथ इसकी मानव जीवन में महत्वत्ता के बारे में बताया गया है।
इसको सुनने से मनुष्य बुराई त्याग कर धर्म के रास्ते पर चलने के साथ साथ मोक्ष को प्राप्त हो जाता है।कथावाचक ने बताया कि इस कथा को सर्वप्रथम अभिमन्यु के बेटे राजा परीक्षित ने सुना था।जिसके प्रभाव से उसके अंदर तक्षक नामक नाग के काटने से होने वाली मृत्यु का भय दूर हुआ और उसे मोक्ष की प्राप्ति हुई।इस दौरान सुरक्षा की दृष्टिकोण से पुलिस फोर्स भी मौके पर मौजूद रहा।थाना प्रभारी ललिता मेहता ने अपनी टीम के साथ मुस्तैद रहकर लोगों को सुरक्षा का अहसास कराया।कथा का समापन 18 दिसंबर बुधवार को होगा तथा 19 दिसंबर गुरुवार को कथा की समाप्ति के बाद हवन पूजन के पश्चात विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा।इस मौके पर आयोजक श्रीमती दीपिका यादव,विनोद यादव,परीक्षित श्रीमती रानी देवी,हरीलाल यादव,मोतीलाल यादव समेत बड़ी संख्या में ग्रामवासी व क्षेत्रवासी मौजूद रहे।
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