ग्राम पंचायत कुईतखेड़ा में वित्तीय अनियमितताओं पर बड़ी कार्रवाई, पढ़ें कौन हुआ निलंबित
प्रधान एवं सचिव निलंबित, आरोप पत्र और रिकवरी की कार्यवाही होगी शुरू

कानपुर देहात। जिला अधिकारी कपिल सिंह ने शासन की मंशा के अनुरूप कठोर एवं पारदर्शी कदम उठाते हुए ग्राम पंचायत स्तर पर हुए वित्तीय अनियमितताओं पर सख्त कार्रवाई की है। ग्राम पंचायत कुईतखेड़ा, विकास खंड अकबरपुर में ग्राम प्रधान बृजेन्द्र सिंह और पंचायत सचिव को निधियों के दुरुपयोग के गंभीर आरोपों के आधार पर तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
गंभीर वित्तीय अनियमितता का खुलासा
जांच के दौरान यह सामने आया कि ग्राम पंचायत के खाते से कई अवसरों पर ऐसी निकासी की गई जो निर्धारित प्रावधानों एवं वित्तीय नियमों के विपरीत थी। प्रयुक्त धनराशि न केवल अनियमित तरीके से खर्च की गई बल्कि विकास कार्यों और योजनाओं के लिए उपलब्ध कराई गई राज्य वित्त एवं अन्य मदों की राशि का भी सत्यानाश हुआ। प्रशासन को प्राप्त शिकायतों और पत्राचार की जांच के उपरांत यह आरोप सही पाए गए कि प्रधान और सचिव दोनों ने ग्राम पंचायत निधियों का मनमाना इस्तेमाल किया।
जिलाधिकारी के निर्देश
प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए जिला अधिकारी ने कहा कि यह धनराशि जनता की अमानत है, जिसे केवल विकास कार्यों और योजनाओं के सही संचालन हेतु उपयोग किया जाना चाहिए। किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार या हेराफेरी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने निर्देश दिया है कि ग्राम प्रधान बृजेन्द्र सिंह और पंचायत सचिव के विरुद्ध प्रथम दृष्टया आरोप पत्र तैयार कर शासन को भेजा जाए। इसके साथ ही, यदि जांच में यह प्रमाणित होता है कि अवैध निकासी के कारण ग्राम पंचायत को आर्थिक हानि हुई है, तो उतनी ही राशि की रिकवरी (वसूली) दोषियों से अनिवार्य रूप से कराई जाएगी।
शासन का कठोर रुख
प्रशासन की यह कार्रवाई संदेश देती है कि ग्राम पंचायत स्तर पर धन की हेराफेरी या योजनाओं में गड़बड़ी करने पर किसी प्रकार की ढिलाई नहीं बरती जाएगी। जिलाधिकारी ने यह भी चेतावनी दी है कि सभी ग्राम प्रधान और पंचायत सचिव वित्तीय नियमों एवं प्रक्रियाओं का शत-प्रतिशत पालन करें। योजनाओं के संचालन की पारदर्शिता सुनिश्चित करना अधिकारियों की जिम्मेदारी है। इसमें किसी भी प्रकार का उल्लंघन पाए जाने पर दोषियों के खिलाफ कठोरतम कदम उठाए जाएंगे।
पारदर्शिता और सतत निगरानी
जिलाधिकारी कपिल सिंह ने माना कि ग्राम पंचायतों को विकास का आधारशिला माना जाता है। यदि उसी स्तर पर वित्तीय अनियमितताएं होंगी तो योजनाओं का लाभ वास्तविक जरूरतमंद तक नहीं पहुँच पाएगा। इसी दृष्टि से प्रशासन ने इस मामले में पहले प्रधान और सचिव को निलंबित किया और अब उनके खिलाफ आरोप पत्र तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। साथ ही, प्रशासनिक स्तर पर ग्राम पंचायतों के विकास कार्यों पर सतत निगरानी रखने के निर्देश भी जारी किए गए हैं ताकि भविष्य में ऐसी लापरवाही न हो।
जनता को मिलेगा सीधा लाभ
यह कदम न केवल कुईतखेड़ा ग्राम पंचायत के लिए एक मिसाल बनेगा बल्कि पूरे जिले की अन्य ग्राम पंचायतों के लिए भी एक चेतावनी है। शासन की पूरी मंशा यह है कि योजनाओं का लाभ आम जनता तक सीधे पहुँचे, बिना किसी बिचौलिये या भ्रष्टाचार के। विकास कार्यों के लिए भेजे गए संसाधन और धन तभी सार्थक होंगे जब उनका सही उपयोग नियमानुसार किया जाएगा।
जिलाधिकारी की सख्त चेतावनी
अपने बयान में जिलाधिकारी ने स्पष्ट कहा कि पंचायत स्तर पर किसी भी प्रकार की अनियमितता को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सभी ग्राम प्रधानों तथा पंचायत सचिवों को सावधान करते हुए उन्होंने कहा कि यदि किसी ने वित्तीय अनुशासन या प्रक्रिया का उल्लंघन किया तो उसे गंभीर कानूनी परिणाम भुगतने होंगे। उन्होंने अधिकारियों को भी निर्देशित किया कि समयबद्ध जांच सुनिश्चित करें और रिपोर्ट शासन को भेजते हुए दोषियों से हानि की भरपाई हर हाल में कराएँ।
भ्रष्टाचार पर नकेल कसने की पहल
जिले में यह कार्रवाई भ्रष्टाचार पर नकेल कसने की एक बड़ी पहल के रूप में देखी जा रही है। विकास कार्यों में गड़बड़ी करने वाले अधिकारी या प्रतिनिधि किसी दंड से नहीं बच पाएंगे। इस कठोर प्रशासनिक कदम के बाद उम्मीद है कि विभिन्न ग्राम पंचायतों के प्रधान और सचिव योजनाओं को लेकर और अधिक सतर्क रहेंगे तथा जनता की भलाई के लिए निधियों का पारदर्शी उपयोग करेंगे।
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