ग्रीष्मकालीन अवकाश समाप्त कर शिक्षकों को दिया जाए अर्जित अवकाश
परिषदीय स्कूलों में ईको क्लब के माध्यम से समर कैंप का आयोजन किया जाना है। अब 5 जून से लेकर 11 जून ईको क्लब फॉर मिशन लाइफ को लेकर बच्चे स्कूल में अलग-अलग गतिविधियां सीखेंगे। साफ है कि ग्रीष्मावकाश के बीच अब शिक्षकों को सात दिन और ड्यूटी करनी पड़ेगी। इसको लेकर शिक्षकों में अंदरखाने विरोध शुरू हो चुका है

कानपुर देहात। परिषदीय स्कूलों में ईको क्लब के माध्यम से समर कैंप का आयोजन किया जाना है। अब 5 जून से लेकर 11 जून ईको क्लब फॉर मिशन लाइफ को लेकर बच्चे स्कूल में अलग-अलग गतिविधियां सीखेंगे। साफ है कि ग्रीष्मावकाश के बीच अब शिक्षकों को सात दिन और ड्यूटी करनी पड़ेगी। इसको लेकर शिक्षकों में अंदरखाने विरोध शुरू हो चुका है। विश्व पर्यावरण दिवस को लेकर महानिदेशक स्कूली शिक्षा ने सूबे के सभी एडी बेसिक व बीएसए को पत्र लिखा है। इसमें आदेशित किया गया है कि ग्रीष्मकालीन अवकाश में ‘ईको क्लब फॉर मिशन लाइफ’ थीम पर समर कैंप आयोजित किए जाएं।
विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून से एक सप्ताह तक आयोजित गतिविधियों का भी जिक्र किया गया है। पांच जून को स्वस्थ जीवन शैली अपनाना, 6 जून को दीर्घकालीक खाद्य प्रणाली अपनाना, 7 जून को ई कचरा कम कराना, 8 को कूड़ा कम कराना, 9 को ऊर्जा बचाना, 10 जून को पानी बचाना व 11 जून को सिंगल यूज प्लास्टिक को ना कहने की गतिविधि कराई जाएगी। महानिदेशक के आदेश के बाद से ही शिक्षकों में हड़कंप मचा हुआ है। ग्रीष्मावकाश में फिर शिक्षकों से ड्यूटी कराई जाएगी। शिक्षकों में कहीं न कहीं विरोध नजर आने लगा है। शिक्षकों का कहना है कि वे समर कैंप का स्वागत करते हैं लेकिन गर्मी प्रचंड रूप में हैं। ऐसे में समर कैंप व्यवहारिक नहीं लग रहा क्योंकि गर्मी के कारण बच्चों के स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ सकता है। जब ग्रीष्मावकाश में स्कूल खुलवाएं जा रहे हैं तो शिक्षकों को 30 दिन का ईएल (अर्जित अवकाश) दिया जाए और ग्रीष्मावकाश बंद कर दिया जाए।
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