
लखनऊ/वाराणसी/चंदौली। न्यायिक प्रक्रिया को सुगम बनाने और एक कोर्ट से दूसरे कोर्ट के बीच की भाग. दौड़ कम करने के उद्देश्य से योगी सरकार अदालतों को एक छत के नीचे लाने की तैयारी कर रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर इंटीग्रेटेड कोर्ट कांप्लेक्स के लिए पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर फिलहाल दस जिलों महोबा, हाथरस, चंदौली, शामली, अमेठी, हापुड़, औरैया, सोनभद्र, संभल और चित्रकूट का चयन किया गया है।
इंटीग्रेटेड कोर्ट कांप्लेक्स के लिए अनुपूरक बजट में किया गया 400 करोड़ का प्रविधान
विधानसभा से पारित अनुपूरक बजट के माध्यम से इस विशेष परियोजना के लिए 400 करोड़ रुपये का प्रविधान किया गया है। अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने इंटीग्रेटेड कोर्ट कांप्लेक्स की महत्वपूर्ण योजना का जिक्र भी किया। उन्होंने कहा कि सुशासन में समय से न्याय मिलना जरूरी होता है।
इसी भावना के साथ सरकार 10 जिलों में एकीकृत न्यायालय परिसरों का निर्माण कराने जा रही है। बता दें कि इंटीग्रेटेड कोर्ट कांप्लेक्स के संबंध में बीते दिनों उत्तर प्रदेश की एक टीम ने गुजरात के बड़ौदा का दौरा किया था। वहां एकीकृत कोर्ट कांप्लेक्स का माडल सफलतापूर्वक लागू किया गया है। पिछले दिनों एक उच्चस्तरीय बैठक में कांप्लेक्स की कार्ययोजना को लेकर मुख्यमंत्री ने दिशा निर्देश दिया था। सीएम ने कहा था कि अपराधों की अलगण्अलग प्रकृति के अनुसार त्वरित न्याय के लिए अलगण्अलग कानूनों से जुड़ी अदालतों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है।
अब एक भवन में सारी चलेंगी सारी अदालतें
जिलों में यह अदालतें अलग.अलग जगहों से काम.काज संचालित करती हैं। कई जगह किराए के भवनों में अदालतें चल रही हैं। एक ही जिले में अलगण्अलग दिशाओं में अदालतों के चलते न्यायिक अधिकारियों और फरियादियों दोनों को ही दिक्कत होती है। सुरक्षा इंतजाम और प्रशासनिक व्यवस्था में भी परेशानी आती है। इसे देखते हुए अदालतों के लिए एकीकृत कोर्ट भवन उपयोगी हो सकते हैं। एक आदेश में उच्चतम न्यायालय द्वारा भी ऐसे न्यायालय परिसरों के निर्माण का आदेश दिया गया था। मुख्यमंत्री के निर्देश पर लोक निर्माण, गृह तथा विधि एवं न्याय विभाग इस परियोजना पर काम कर रहे हैं। एकीकृत भवन में कोर्ट, जजों के चैंबर, मीटिंग हाल, वीडियो कोर्ट, पार्किंग, कैंटीन सहित अन्य सुविधाओं के लिए जगह होगी।
न्यायालय भवन के साथ बनेंगे आवास
10 जिलों में बनने वाले एकीकृत अदालत परिसर में जिला और अधीनस्थ न्यायालय, वाणिज्यिक न्यायालय, विविध, ट्रिब्यूनल, फास्ट ट्रैक कोर्ट और लोक अदालत होंगी। न्यायालय भवनों, अधिवक्ता चैंबर तथा सभागार के साथ ही न्यायाधीशों और न्यायिक अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए आवासीय कालोनी, पार्किंग और फूड प्लाजा भी होगा।
Discover more from अमन यात्रा
Subscribe to get the latest posts sent to your email.