
नशेड़ियों का अड्डा बना राजकीय डिग्री कालेज का प्राचार्य आवास
-कालेज प्रशासन सहित तहसील प्रशासन भी मौन
चकिया, चंदौली। यूपी सरकार लोगों को नशा मुक्त करने का सपना देख रहा है, लेकिन अनदेखी, लापरवाही व उचित व्यवस्था की कमी के चलते समाज लगातार नशे की गिरफ्त में है। इसी लापरवाही के चलते स्थानीय साबित्री बाई फूले राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय का प्राचार्य आवास भी नशेड़ियों का अड्डा बन गया है। क्योंकि शाम के समय वहां पर न तो कोई सुरक्षा कर्मी और न ही कोई चौकीदार। शाम होते ही सुनसान प्राचार्य आवास नशेड़ियों का पनाहगार बन जाता है। प्राचार्य आवास के फर्स पर दिख रहे नशीली दवाएं, सिगरेट, गुटखा, गोलियों के पत्ते इसका जीता, जागता सबूत हैं। परन्तु इसके तरफ न तो राजकीय डिग्री कालेज प्रशासन ध्यान दे रहा है और न ही प्रशासनिक अधिकारी। ऐसे में सरकार का नशामुक्त समाज का सपना हवा हवाई साबित हो रहा है।
उल्लेखनीय है कि स्थानीय साबित्री बाई फूले राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के परिसर में ही प्राचार्य आवास है। जो आवास पूरी तरह खंडर का रुप धारण कर भूतखाना बन चुका है। सरकारी आवास में प्राचार्य न रहकर वह प्राईवेट आवास ज्यादा पसंद करते हैं। जिससे सरकारी प्राचार्य आवास की देखरेख न होने से वह खंडहर का रुप धारण कर चुका है। यहीं नहीं आवास में प्राचार्य के न रहने से क्षेत्रीय नशोडियों का अड्डा बन चुका है। शाम होते ही डिग्री कालेज का कामकाज खत्म हो जाता है तो वहीं बारी आती है नशेडियों की, जो सन्नाटा देख प्राचार्य आवास के पास पहुंच जाते हैं। अंधेरे का फायदा उठाकर नशेड़ी व असामाजिक तत्व यहां महफिल सजाकर नशा करते हैं। कालेज प्रशाससन, जिला प्रशासन व पुलिस को इसकी जानकारी होते हुए भी खामोश हैं। शाम के बाद कोई सुरक्षा कर्मी या चौकीदार नहीं होता। इसका फायदा उठाकर असामाजिक तत्व प्राचार्य आवास में जहां तहां मौज, मस्ती करते हैं।
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