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चकिया राजकीय महाविद्यालय: कंप्यूटर कक्ष पर सालों से लटका ताला, छात्रों को नहीं मिल रहा कंप्यूटर ज्ञान

चकिया स्थित राजकीय महाविद्यालय में लाखों रुपए खर्च करके कंप्यूटर कक्ष का निर्माण कराया गया था। लेकिन, विडंबना यह है कि आज तक इस कंप्यूटर कक्ष का ताला नहीं खुला है।

Story Highlights
  • प्रभारी प्राचार्य की लापरवाही: महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य की लापरवाही के कारण कंप्यूटर कक्ष बंद पड़ा है।
  • स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उदासीनता: स्थानीय जनप्रतिनिधियों का भी इस मामले पर कोई ध्यान नहीं है।
  • सालों से बंद कंप्यूटर कक्ष: चकिया के राजकीय महाविद्यालय में लाखों रुपए की लागत से बना कंप्यूटर कक्ष पिछले कई सालों से बंद है।

लगभग 5 वर्ष में कभी नहीं खुला राजकीय कॉलेज में बना कंप्यूटर कक्ष,लटक रहा ताला

-आज तक नहीं दिया गया छात्र छात्राओं को कंप्यूटर का ज्ञान

-लाखों की लागत से लगे कंप्यूटर सिस्टम खा रहे जंक

-सावित्रीबाई फुले राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य की मनमानी

चकिया स्थित राजकीय महाविद्यालय में लाखों रुपए खर्च करके कंप्यूटर कक्ष का निर्माण कराया गया था। लेकिन, विडंबना यह है कि आज तक इस कंप्यूटर कक्ष का ताला नहीं खुला है। जिसके कारण छात्रों को कंप्यूटर का ज्ञान नहीं मिल पा रहा है। छात्रों का कहना है कि कंप्यूटर का ज्ञान आज के समय में बहुत जरूरी है। इसके बिना अच्छी नौकरी मिलना मुश्किल है। कंप्यूटर कक्ष बंद होने के कारण उन्हें बाहर से कंप्यूटर सीखने के लिए जाना पड़ता है, जिसमें काफी खर्च आता है।

इस मामले में महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य का कहना है कि कंप्यूटर कक्ष को खुलवाने के लिए कई बार प्रयास किए गए हैं, लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि जल्द ही कंप्यूटर कक्ष को खुलवाकर छात्रों को कंप्यूटर का ज्ञान दिया जाएगा।

स्थानीय जनप्रतिनिधियों का इस मामले पर कोई ध्यान नहीं है। छात्रों का कहना है कि चुनाव के समय जनप्रतिनिधि उनसे वादे करते हैं कि कंप्यूटर कक्ष को खुलवाया जाएगा, लेकिन चुनाव जीतने के बाद वे अपने वादे भूल जाते हैं।

छात्रों की मांग

छात्रों ने मांग की है कि जल्द से जल्द कंप्यूटर कक्ष को खुलवाया जाए और उन्हें कंप्यूटर का ज्ञान दिया जाए। उन्होंने कहा कि अगर उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो वे आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे।

यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि चकिया जैसे पिछड़े क्षेत्र के छात्रों को कंप्यूटर जैसे महत्वपूर्ण ज्ञान से वंचित रखा जा रहा है। जबकि सरकार शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इस मामले में महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य और स्थानीय जनप्रतिनिधियों की लापरवाही स्पष्ट नजर आती है। उन्हें छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए जल्द से जल्द कंप्यूटर कक्ष को खुलवाने के लिए उचित कदम उठाने चाहिए।


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