चकिया: राजकीय महाविद्यालय का प्राचार्य विहीन आवास खंडहर में तब्दील, बना असामाजिक तत्वों का अड्डा, 7 वर्षों से नहीं हुई प्राचार्य की नियुक्ति, हर वर्ष आवास के रंग रोगन व मरम्मत के लिए आता है बजट, पीने के पानी, टॉयलेट साफ सफाई समेत बुनियादी सुविधाओं का है घोर अभाव, चुनाव के समय नेताओं ने किए थे विज्ञान व वाणिज्य की कक्षाएं चलाने के वादे, भ्रष्टाचार के गढ़ में डूब चुका है सावित्रीबाई फुले राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, महाविद्यालय प्रशासन व स्थानीय जनप्रतिनिधि को नहीं है छात्राओं के भविष्य की चिंता….

राजकीय महाविद्यालय का प्राचार्य विहीन आवास खंडहर में तब्दील, बना असामाजिक तत्वों का अड्डा
7 वर्षों से नहीं हुई प्राचार्य की नियुक्ति, हर वर्ष आवास के रंग रोगन व मरम्मत के आता है बजट
पीने के पानी, टॉयलेट साफ सफाई समेत बुनियादी सुविधाओं का है घोर अभाव
चुनाव के समय नेताओं ने किए थे विज्ञान व वाणिज्य की कक्षाएं चलाने के वादे
भ्रष्टाचार के गढ़ में डूब चुका है सावित्रीबाई फुले राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय
महाविद्यालय प्रशासन व स्थानीय जनप्रतिनिधि को नहीं है छात्राओं के भविष्य की चिंता
चकिया, चंदौली। स्थानीय विकासखंड के मोहम्मदाबाद स्थित सावित्रीबाई फुले राजकीय महाविद्यालय में पिछले 7 वर्षों से प्राचार्य की नियुक्ति न होने से शिक्षा व्यवस्था चरमरा गई है। महाविद्यालय में पीने के पानी शौचालय तथा साफ सफाई के अभाव के साथ-साथ कंप्यूटर की शिक्षा देने के लिए बना हुआ कंप्यूटर कक्ष वर्षों से बंद है। जिससे अति पिछले क्षेत्र के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा लेने के लिए बना हुआ राजकीय डिग्री कॉलेज मात्र शो पीस बनकर रह गया है।
छात्रों ने बताया कि महाविद्यालय में लाइब्रेरियन, सफाई कर्मी की नियुक्ति न होने से चारों ओर गंदगी का अंबार लगा रहता है। यही नहीं चुनाव के समय कई पार्टी के नेताओं द्वारा डिग्री कॉलेज में विज्ञान और कॉमर्स वर्ग की शिक्षा प्रारंभ करने का आश्वासन देने के बावजूद आज तक कक्षाएं संचालित न होने से विद्यार्थियों को अन्य जनपदों में जाना मजबूरी हो गया है, जिसको लेकर लोगों में आक्रोश है।
आपको बता दें कि सावित्रीबाई फुले राजकीय महाविद्यालय चकिया में पिछले 7 वर्षों से प्राचार्य की नियुक्ति नहीं हुई है। महाविद्यालय की प्रोफेसर संगीता सिन्हा प्राचार्य के प्रभार का पद संभाल रही है।जिनकीकार्य प्रणाली को लेकर भी लोगों में नाराजगी है। स्थानीय लोगों ने बताया कि महाविद्यालय में प्राचार्य के लिए बकायादे प्राचार्य आवास बनाया गया।लेकिन नियुक्ति नहीं होने से प्राचार्य आवास झाड़ झंकार से पट गया है,तथा असामाजिक तत्वों का डेरा हो गया है।जिसको लेकर लोगों में गहरा आक्रोश है। प्राचार्य आवास के रंग रोगन व मरम्मत के लिए प्रतिवर्ष शासन से बजट आता है, लेकिन रंग रोगन व मरम्मत न कराकर धन का गोलमाल कर दिया जाता है। लोगों ने बताया कि बार-बार मांग करने के बावजूद आज तक कालेज प्रशासन छात्रों की शिक्षा तथा बुनियादी सुविधाओं पर ध्यान नहीं दे रहा है। जिसके कारण अति पिछड़े क्षेत्र के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने में घोर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों ने मांग की है कि जल्द से जल्द प्राचार्य की नियुक्ति की जाए जिससे शिक्षा व्यवस्था सुचारू रूप से संपन्न की जा सके।
वर्जन-
जिलाधिकारी निखिल टी फुंडे ने बताया कि शिक्षा व्यवस्था से खिलवाड़ नहीं होना चाहिए। यदि इस तरह का मामला है तो उच्च शिक्षा विभाग को निर्देशित कर जांच कराया जाएगा। दोषी पाए जाने पर कार्रवाई होगी।
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