चकिया: सिंचाई विभाग के जेई ने हरे पेड़ों पर चलवा दिया लकड़ी तस्करों से आरा
ईट भट्ठा संचालक से मोटी रकम लेकर सभी लकड़ियों को कर दिया सेल
हरे पेड़ों पर आरा चलाना है प्रतिबंध
चकिया, चंदौली। स्थानीय कोतवाली अंतर्गत लतीफशाह पूर्वी छोर स्थित जनकपुर माइनर पर उगे हरे पेड़ों पर आरा सिंचाई विभाग के जेई व लकड़ी तस्कर मिलकर रविवार को चला दिया। इन लकड़ियों को बकायदा ट्रैक्टर ट्राली में लोड कर सैदूपुर स्थित सिंह भट्टे पर स्टॉक किया गया है। लोगों का मानना है कि जेई द्वारा सभी लकडियों को भट्टे संचालक को बेंच दिया गया है। हरे पेड़ों पर शासन द्वारा आरा चलाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। लेकिन यह लकड़ी तस्कर व भ्रष्ट अधिकारी शासन के मांसूबो पर पूरी तरह पानी फिरते हुए नजर आ रहे हैं। हरे पेड़ों पर आरा चलने के दौरान ही मीडिया ने क्षेत्रीय एई से जानकारी लिया तो उन्होंने कहा कि सिंचाई विभाग लकड़ियों को कटवा रहा है और अपने अंडर में रखेगा। लेकिन यहां तो खेला कुछ और हो गया।
सिंचाई विभाग के जेई व लकड़ी तस्कर मिलकर लतीफशाह स्थित जनकपुर माइनर पर उगे हरे पेड़ों पर रविवार को बकायदा आरा चला दिया। इसके बाद सभी लकड़ियों को ट्रैक्टर ट्राली में लोड कर सैदूपुर स्थित सिंह ईंट भट्ठे पर भेजवा दिया गया। ऐसा कहना क्षेत्रीय लोगों का है। क्षेत्रीय लोगों का यह मानना हैं कि जेई द्वारा हरे पेड़ों को ईंट भट्ठा संचालक को बेंच दिया गया है। हरे पेड़ों पर आरा चलने के दौरान क्षेत्रीय ग्रामीण व मीडिया ने एई राकेश तिवारी को इसकी जानकारी भी दी। जहां एई ने कहा कि लकड़ी का कटान सिंचाई विभाग द्वारा कराया जा रहा है, सभी लकड़ी सिंचाई विभाग के अंडर में रहेगा। लेकिन यहां तो कुछ और खेला हो गया। लकड़ी सिंचाई विभाग के अंडर में न जाकर वह ईंट भट्टे पर बकायदा ट्रैक्टर ट्राली में लोडकर पहुंचा दिया गया। ग्रामीणों का कहना है कि सिंचाई विभाग का जेई मोटी रकम लेकर हरे पेड़ों को लकड़ी तस्करों के हवाले कर दिया है। इसकी जांच बड़े अधिकारियों से कराकर दोषी जेई के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
जहां एक तरफ पर्यावरण संतुलन के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार प्रत्येक वर्ष लाखों रुपए पौधारोपण में खर्च कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ इस तरह के जिम्मेदार अधिकारी ही हरे पेड़ों की तस्करी कराकर पर्यावरण को समाप्त करने में लगे हुए हैं। ऐसे अधिकारियों व तस्करों पर बकायदा कार्रवाई होनी चाहिए।
वर्जन-
जिलाधिकारी ने कहा कि यदि इस तरह के मामले हैं तो जांच कमेटी की गठन कर बकायदा मामले का जांच कराया जाएगा। दोषी पाए जाने पर सिंचाई विभाग के अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी।
वर्जन-
एक्सईएन सर्वेश चंद्र सिंह ने बताया कि लकड़ी काटने की जानकारी नहीं है, मैं जानकारी लेकर बता रहा हूं।
वर्जन-
एई राकेश तिवारी ने बताया कि लकड़ियां जनकपुर माइनर से काटी जा रही हैं, जिसे सिंचाई विभाग अपने अंडर में रखेगा।