लखनऊ, अमन यात्रा । कृषि कानून विरोधी आंदोलन को दिल्ली बार्डर से उत्तर प्रदेश के भीतर खींचने के जिस तरह से विपक्षी दलों के प्रयास चले, उससे इशारा साफ था कि जुगत इसे आगामी विधानसभा चुनाव का प्रमुख मुद्दा बनाने की है। 70 फीसद की हिस्सेदारी रखने वाली ग्रामीण आबादी पर साढ़े चार वर्ष से नजरें जमाए चल रही योगी आदित्यनाथ सरकार ने खास तौर पर किसानों से संबंधों में मिठास घोलने के लिए हाल ही में गन्ना मूल्य बढ़ाया। मगर, लखीमपुर खीरी की सनसनीखेज घटना ने किसानों के मुद्दे को फिर गर्मा दिया। बाजी हाथ में रखने के लिए सरकार ने किसानों की लगभग हर मांग मानते हुए 45-45 लाख रुपये मुआवजे तक दिया तो दिल्ली से पत्ते सजाकर आए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने एक-एक करोड़ रुपये मुआवजे देकर सरकार के लिए चुनौती बढ़ा दी है। समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी सहित दूसरी पार्टियां भी इस मुद्दे पर पीछे हटती नहीं दिख रही हैं।