कानपुर के कृषि विश्वविद्यालय में शुरू होगी कृषि पत्रकारिता की पढ़ाई
कृषि में जागरूकता तथा तकनीक के प्रचार-प्रसार के लिए संचार की महत्ता को देखते हुए कानपुर के कृषि विश्वविद्यालय में शुरू होगी कृषि पत्रकारिता की पढ़ाई। कृषि के अंतर्गत किसानों में फसलों, कीटनाशकों, बीजों आदि के प्रति जागरूकता तथा नई वैज्ञानिक तकनीको के प्रचार-प्रसार के लिए संचार काफी अहम भूमिका निभाता है।

कानपुर,अमन यात्रा : कृषि में जागरूकता तथा तकनीक के प्रचार-प्रसार के लिए संचार की महत्ता को देखते हुए कानपुर के कृषि विश्वविद्यालय में शुरू होगी कृषि पत्रकारिता की पढ़ाई। कृषि के अंतर्गत किसानों में फसलों, कीटनाशकों, बीजों आदि के प्रति जागरूकता तथा नई वैज्ञानिक तकनीको के प्रचार-प्रसार के लिए संचार काफी अहम भूमिका निभाता है। कृषि संचार की इसी महत्ता को देखते हुए कानपुर के सीएसए नामक कृषि विश्वविद्यालय में कृषि पत्रकारिता कोर्स को शामिल किए जाने की तैयारी है। इसके लिए विश्वविद्यालय के पत्रकारिता सन्स्थान से अगले महीने करार किया जाएगा। अभी कोर्स की रूपरेखा तैयार की जा रही है।
उन्नत तथा समृद्ध खेती के लिए किसानों में जागरूकता तथा तकनीक की पर्याप्त समझ होनी चाहिए। इससे किसानों की आमदनी तो बढ़ेगी साथ ही मृदा को भी नुकसान नहीं पहुंचेगा तथा कम लागत तथा उन्नत वैज्ञानिक तकनीक की मदद से किसान अपने खेत मे अच्छी पैदावार कर सकते हैं। इसके लिए आवश्यक है संचार, ध्यान देने बात है कि हरित क्रांति की भारी सफलता के पीछे संचार का भी बड़ा हाथ था। लेकिन आज कृषि के क्षेत्र में किसानों में आवश्यक जागरूकता की कमी है। वैज्ञानिकों ने किसानों के लिए मददगार अविष्कार व तकनीकों का अविष्कार तो किया है पर उसे किसानों तक पहुंचाने में संचार अपनी भूमिका ठीक से नहीं निभा पा रहा है। जिससे आज देश की कृषि अधिक विकसित नहीं हो पा रही है। इसके लिए आवश्यक है कृषि पत्रकारिता की अनिवार्यता।
दरअसल कृषि पत्रकारिता करने वाले पत्रकारों को कृषि की ही पर्याय समझ नहीं होती, जिसके कारण वे जरूरी बातों को किसानों तक ठीक से नहीं पहुंचा पाते। इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए कानपुर के कृषि विशेष शैक्षणिक संस्थान चंद्रशेखर कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में अब नए सत्र से कृषि पत्रकारिता के कोर्स की शुरुआत की जाएगी। ज्ञात हो कि विश्वविद्यालय के कृषि एक्सटेंशन में पत्रकारिता के विभिन्न कोर्स संचालित हैं। अब यहां कृषि पत्रकारिता को अलग से पढ़ाया जाएगा। आपको बता दें कि कृषि पत्रकारिता कोर्स के अंतर्गत कृषि के किये आवश्यक विषयों के अलावा मौसम समाचार को भी शामिल किया जाता है।
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