चैस ओलिंपियाड टार्च रिले का भव्य आयोजन, महाना बोले गौरवपूर्ण क्षण
ग्रीनपार्क स्टेडियम कानपुर नगर में आज 44वां शतरंज ओलिंपियाड प्रतियोगिता के आयोजन का प्रचार-प्रसार व शतरंज खेल को बढावा देने के उद्देश्य से शुरू की गयी मशाल रिले कार्यक्रम के ग्राण्ड मास्टर तेजस, सुश्री अंवतिका व उनकी टीम का स्वागत किया गया।
- 44वां शतरंज ओलिंपियाड प्रतियोगिता के आयोजन का प्रचार-प्रसार व शतरंज खेल को बढावा देने के उद्देश्य से शुरू की गई
कानपुर, अमन यात्रा : ग्रीनपार्क स्टेडियम कानपुर नगर में आज 44वां शतरंज ओलिंपियाड प्रतियोगिता के आयोजन का प्रचार-प्रसार व शतरंज खेल को बढावा देने के उद्देश्य से शुरू की गयी मशाल रिले कार्यक्रम के ग्राण्ड मास्टर तेजस, सुश्री अंवतिका व उनकी टीम का स्वागत किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि मा0 अध्यक्ष विधान सभा उ0प्र0 श्री सतीश महाना ने कहा कि हम में से बहुत कम ही लोग इस बात से परिचित हैं कि चैस ओलिंपियाड जो लगभग 100 साल पहले शुरू हआ था, इस बार, पहली बार भारत में होने जा रहा है।
यह बड़े ही हर्ष की बात है कि हम सभी के आदरणीय प्रधानमंत्री, नरेंद्र मोदी जी के आह्नवान पे, खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के प्रोत्साहन से, और उ0प्र0 के मा0 मुख्यमत्री, श्री योगी आदित्यनाथ, के मार्गदर्शन से आज चैस ओलिंपियाड टार्च रिले, अपने पहले चरण में उत्तर प्रदेश के नौ जिलों से हो कर गुजर रही है और समूचा विश्व इस समय उत्तर प्रदेश की ओर देख रहा है। इस से बड़े गर्व की बात नहीं हो सकती है इस महान प्रदेश के निवासियों के लिए। उन्होंने कहा कि भारत ने ही पूरी दुनिया को संस्कृति व संस्कार सिखाने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि शतरंज थोडा मुश्किल गेम है लेकिन आपके ब्रेन को टच करने वाला गेम है। आप जब भी शतरंज खेले तो अपने से बडे खिलाडी के साथ खेले, जिससे आपको सीखने का मौका मिलेगा। उन्होंने कहा कि शतरंज से हमे यह भी सीख मिलती है कि जो अनुशासन में रहेगा व सीधा चलेगा हाथी की तरह, जो टेढ़ा रहेगा व टेढ़ा चलेगा ऊट की तरह। उन्होंने कहा कि हम सब का योगदान प्रत्यक्ष व परोप रूप से देश को आगे बढाने का कार्य करेगा।
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अध्यक्ष अखिल भारतीय शतरंज महासंघ डा0 संजय कपूर ने कहा कि यह इस देश के हर नागरिक के लिए बड़े ही गर्व का विषय है कि चैस ओलिंपियाड इस बार उस देश में हो रहा है जहाँ से चैस यानि शतरंज की शुरुआत हई थी। उस समय यह चतुरंग के नाम से जाना जाता था और समय के साथ इसकी प्रसिद्धि, समूचे विश्व के हर कोने में पहुंची और आज लगभग हर देश में शतरंज खेला जाता है। आज इस सच को पुरे विश्व ने भी मान लिया है और इसीलिए 100 सालों में पहली बार चैस ओलिंपियाड टोर्च रिले भारत में शुरू की गयी है और यह भारत के 75 जिलों का भ्रमण करेगी।
जैसे ओलिंपिक का घर ग्रीस को माना गया है और हर बार ओलिंपिक की मशाल वहीं से शुरू होकर उस देश में पहुँचती है जहाँ भी ओलिंपिक खेलों का आयोजन होना है, ठीक उसी प्रकार, चैस ओलिंपियाड की मशाल हर बार भारत से ही शुरू होगी और उस देश में जाएगी जहाँ चैस ओलिंपियाड का आयोजन होना है। इस बार जब चैस ओलिंपियाड भारत में होगा तो उस में भाग लेने वाली 187 देशों की टीमें, एक ही छत के नीचे बैठ कर शतरंज के खेल में अपने कौशल का प्रदर्शन करेंगी। यह अपने आप में एक अनूठा उदाहरण होगा। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री, नरेंद्र मोदी जी के “वसुदैव कुटुंबकम” वाले सपने को साकार होता हुआ हम सब देखेंगे।
इस अवसर पर सांसद सत्यदेव पचौरी, देवेन्द्र सिंह भोले, मा0 महापौर श्रीमती प्रमिला पाण्डेय, मा0 जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती स्वप्निल वरूण, मा0 एमएलसी अरूण पाठक, मा0 विधायक सुरेन्द्र मैथानी, अभिजीत सिंह सांगा, मोहित सोनकर, मण्डलायुक्त डा0 राजशेखर, जिलाधिकारी श्री विशाख जी, अपर जिलाधिकारी नगर अतुल कुमार, पूर्व विधायक रघुनन्दन सिंह भदौरिया सहित सभी संबंधित अधिकारी व विभिन्न विद्यालयों के छात्र-छात्रायें उपस्थित रहे।