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चौकी इंचार्ज शेर सिंह की सूझबूझ से खुला 11 महीने पुराने हत्याकांड का राज, बेबस माँ को मिला न्याय

शुरुआती सुराग न मिलने पर भी सीढ़ी चौकी इंचार्ज शेर सिंह ने हार नहीं मानी और उनकी सूझबूझ से जाँच का रुख बदल गया।

Story Highlights
  • चौकी इंचार्ज की सूझबूझ लाई रंग: 11 महीने बाद बेबस माँ को मिला न्याय, खुला बेटे की हत्या का राज
  • 11 महीने पहले दीपावली की रात शिवबीर की पत्नी लक्ष्मी और भांजे अमित ने मिलकर उनकी हत्या की।
  • पुलिस ने मौके से शिवबीर की हड्डी, बाल और नमक के पैकेट बरामद किए, जिससे आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया।

हत्या के बाद लक्ष्मी ने बच्चों के सामने कहा, “पापा नशे में मारपीट करते थे, उनका मरना जरूरी था।”

कानपुर। कानपुर में एक ऐसे खौफनाक हत्याकांड का पर्दाफाश हुआ है, जिसकी कहानी सुनकर पुलिस भी हैरान रह गई। इस वारदात को अंजाम देने वाले कोई और नहीं, बल्कि मृतक की पत्नी लक्ष्मी और उसका भांजा अमित थे। उन्होंने मामा शिवबीर की हत्या कर शव को दफना दिया था, लेकिन कुदरत ने इस राज को छिपाने नहीं दिया और सीढ़ी चौकी इंचार्ज शेर सिंह की सूझबूझ से यह मामला खुल सका। 11 महीने बाद बेबस माँ को न्याय मिल पाया।

दीपावली की रात हुई खौफनाक वारदात: आज से करीब 11 महीने पहले, दीपावली की रात को शिवबीर की पत्नी लक्ष्मी और भांजे अमित ने मिलकर एक साजिश रची। लक्ष्मी ने पहले शिवबीर को चाय में नींद की गोली मिलाकर पिलाई। जब वह अचेत हुए, तो अमित ने उनके सिर पर सब्बल से तीन वार किए। इसके बाद भी जब शिवबीर की सांस चलती दिखी, तो लक्ष्मी ने सब्बल लेकर दो और वार कर दिए।

इस जघन्य अपराध के बाद लक्ष्मी ने शिवबीर के बच्चों के सामने ही कहा, “पापा नशे में मारपीट करते थे, उनका मरना जरूरी था।” इसके बाद दोनों ने शव को रातोंरात घर के पास एक बाग में दफना दिया और सबूत मिटाने के लिए उस पर 15 पैकेट नमक डाला, ताकि शव जल्दी गल जाए।

जांच में अहम सुराग: शुरू में तो कोई सुराग नहीं मिला, लेकिन सीढ़ी चौकी इंचार्ज शेर सिंह ने इस मामले को गंभीरता से लिया। उनकी सूझबूझ से जाँच का रुख बदल गया। उन्होंने हार नहीं मानी और उस जगह की खुदाई का फैसला किया जहाँ शव दफनाया गया था। मौके पर फोरेंसिक टीम को भी बुलाया गया, जिसने बारीकी से सबूत जुटाए। पुलिस ने जब उस जगह की खुदाई की तो वहाँ से शिवबीर की एक हड्डी, बाल, गंदे कपड़े और नमक के खाली पैकेट बरामद हुए।

जब पुलिस के हाथ ये पुख्ता सबूत लगे, तो उन्होंने सख्ती से पूछताछ शुरू की। आखिरकार, दोनों आरोपियों लक्ष्मी और अमित ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है और आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

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Author: aman yatra


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