छात्रवृत्ति में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
जिलाधिकारी आलोक सिंह के निर्देशन में जिले में चल रही दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना में बायोमैट्रिक सत्यापन को लेकर सख्ती बरती जा रही है।

- जिलाधिकारी ने छात्रवृत्ति योजना में पारदर्शिता लाने के लिए बायोमैट्रिक सत्यापन को अनिवार्य किया है।
कानपुर देहात: जिलाधिकारी आलोक सिंह के निर्देशन में जिले में चल रही दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना में बायोमैट्रिक सत्यापन को लेकर सख्ती बरती जा रही है। जिला समाज कल्याण अधिकारी ने बताया कि कई विद्यालयों द्वारा अभी तक प्रधानाचार्य और नोडल अधिकारियों का बायोमैट्रिक सत्यापन नहीं कराया गया है।
इस संबंध में जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी और जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा लगातार निर्देश जारी किए जा रहे हैं। संबंधित विद्यालयों को अंतिम रूप से चेतावनी देते हुए कहा गया है कि यदि 9 दिसंबर तक प्रधानाचार्य और नोडल अधिकारी बायोमैट्रिक सत्यापन के लिए समाज कल्याण कार्यालय में उपस्थित नहीं होते हैं, तो उनके संस्थान को मास्टर डेटा से हटा दिया जाएगा।
इसका सीधा असर छात्रों की छात्रवृत्ति पर पड़ेगा। यदि भविष्य में इस संबंध में कोई शिकायत मिलती है तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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