छाया को विचलित करती थी बमबारी व मिसाइलों के गिरने की आवाजें
यूक्रेन की राजधानी कीव से मेडिकल की पढ़ाई कर रही एम बी बी एस तृतीय वर्ष की छात्रा छाया यादव सोमवार की रात को घर वापस आ गयी।
जालौन,अमन यात्रा। यूक्रेन की राजधानी कीव से मेडिकल की पढ़ाई कर रही एम बी बी एस तृतीय वर्ष की छात्रा छाया यादव सोमवार की रात को घर वापस आ गयी। युद्ध के दौरान चल रही गोलाबारी व मिसाइल के गिरने की दिल दहला देने वाली आवाज को याद कर वह आज भी सहम जा रही है तथा आंखें नम हो जा रही है।
रापटगंज निवासी चरण सिंह यादव की पुत्री छाया यादव यूक्रेन के विन्नित्सिया शहर में एम बी बी एस तृतीय वर्ष की पढ़ाई कर रही है। 24 फरवरी को अचानक शहर में सायरन की आवाज सुनाई देने लगी। इसके थोड़ी देर बाद ही कालेज प्रशासन का होस्टल खाली करने का फरमान आ गया।
इसके बाद आनन फानन में होस्टल खाली करना पड़ा था। इसके बाद बंकर में शरण लेनी पड़ी। इसी दौरान हो रही बमबारी व मिसाइलों के गिरने की आवाजे उसे विचलित कर रही थी। भूख प्यास से व्याकुल होते हुए भी उसने स्वदेश वापसी की जहदोजहद करती रही।
26 फरवरी को 5-6 किमी पैदल दूरी तय कर वह हंग्री वोर्डर से बोकारिष्ट पहुंची। इसके बाद 28 फरवरी की सुबह दिल्ली आ गयी थी तथा रात में घर वापस आ गयी थी।लाड़ली बिटिया के घर आते ही बुजुर्ग दादी पार्वती, मां पुष्पा, भाई राघवेंद्र व वहिन संध्या, चाचा हरपाल के आंखों में आंसू छलक आये।