मध्यान्ह भोजन योजना के तहत कार्यरत रसोइयों को पौष्टिक भोजन बनाने का दिया जाएगा प्रशिक्षण
मध्याह्न भोजन योजना के तहत परिषदीय स्कूलों में कार्यरत रसोइयों को प्रशिक्षित किया जाएगा। यह प्रशिक्षण पौष्टिक और स्वच्छ भोजन बनाने के लिए उन्हें फिल्म दिखाकर दिया जाएगा।

लखनऊ / कानपुर देहात। मध्याह्न भोजन योजना के तहत परिषदीय स्कूलों में कार्यरत रसोइयों को प्रशिक्षित किया जाएगा। यह प्रशिक्षण पौष्टिक और स्वच्छ भोजन बनाने के लिए उन्हें फिल्म दिखाकर दिया जाएगा। नवीन पोषण प्रशिक्षण फिल्म के बाद स्कूल के प्रधानाध्यापक रसोइयों के साथ बैठकर प्रशिक्षण को लेकर चर्चा भी करेंगे।
दिखाई जाएगी 45 मिनट की फिल्म-
रसोइयों को प्रशिक्षण के दौरान दिखाए जाने वाले 45 मिनट के फिल्म के जरिए यह बताया जाएगा कि सब्जियां बनाने से पहले किस तरह से धोएं, उन्हें कैसे काटें ताकि पोषक तत्व बरकरार रहे। यदि स्कूलों में पोषण वाटिका है तो वहां की सब्जियों का प्रयोग कैसे बेहतर ढंग से किया जाए, उन्हें सब्जियों को तोडने काटने से लेकर पकाने का बेहतर तौर-तरीका भी बताया जाएगा। रसोई में स्वच्छता, भोजन पकाने व परोसने के साथ ही रसोइयों को चूल्हा और सिलेंडर के इस्तेमाल के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों की भी जानकारी दी जाएगी।
दिसंबर तक पूर्ण करना है प्रशिक्षण-
रसोइयों का प्रशिक्षण हर हाल में दिसंबर के अंत तक पूर्ण कर लेना है। इसको लेकर मध्याह्न भोजन प्राधिकरण ने बेसिक शिक्षाधिकारी को निर्देश दिए हैं। साथ ही उनसे जनपद में तैनात रसोइयों की संख्या तय प्रारूप पर उपलब्ध कराने को कहा है।
जिले में हैं 4507 रसोइया-
मध्याह्न भोजन के जिला समन्वयक ने बताया कि जनपद में वर्तमान में 4507 रसोइया कार्यरत हैं। इनमें 80 फीसद महिलाएं हैं। उन लोगों को प्राथमिकता दी गई है जिनके बच्चे स्कूल में पढ़ रहे हैं। सभी को नवीन पोषण प्रशिक्षण फिल्म दिखाई जाएगी। 45 मिनट की इस फिल्म में कई पहलुओं पर जानकारी दी जाएगी। रसोइयों को स्कूलों के प्रधानाध्यापकों के साथ बैठकर चर्चा भी करनी होगी। प्रशिक्षण की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। प्रशिक्षण हर हाल में दिसंबर तक पूर्ण कर लिया जाएगा।
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