अपना जनपदउत्तरप्रदेशवाराणसी

शहाबगंज: गजब का भ्रष्टाचार, विकास कार्यों में अनियमितता, इस गांव में काम कराए बगैर 4 लाख का भुगतान, लगा दिया बकायदा बोर्ड, ग्राम प्रधान व सेक्रेटरी ने मिलकर मचाया लूट पाट, ग्रामीणों के शिकायत पर मुख्य विकास अधिकारी ने DC मनरेगा को सौंपा जांच….DC ने मांगा चार दिन में विकास कार्यों की विस्तृत रिपोर्ट…..

शहाबगंज: गजब का भ्रष्टाचार, विकास कार्यों में अनियमितता, इस गांव में काम कराए बगैर 4 लाख का भुगतान, लगा दिया बकायदा बोर्ड, ग्राम प्रधान व सेक्रेटरी ने मिलकर मचाया लूट पाट, ग्रामीणों के शिकायत पर मुख्य विकास अधिकारी ने DC मनरेगा को सौंपा जांच….DC ने मांगा चार दिन में विकास कार्यों की विस्तृत रिपोर्ट

-अधिकारियों की गर्दन न फंस जाए इस लिए शिकायत कर्ता को नहीं दिया गया जन सूचना का जबाब

-शहाबगंज ब्लॉक के कौडिहार गांव में किए गए भ्रष्टाचार का है पूरा मामला

चंदौली। शहाबगंज विकास खंड में भ्रष्टाचार थमने का नाम नहीं ले रहा है। बिना विकास कार्य कराए ही 4 लाख रुपये का भुगतान कर दिया गया। ऐसा आरोप शिकायत कर्ता का है। मामला ग्राम पंचायत कौडिहार का है। जन सूचना अधिकार के ग्रामीण सतानंद पुत्र पुजवासी निवासी कौडिहार ने जन सूचना के तहत जानकारी मांगी तो ब्लाक प्रशासन हैरत में आ गया। कहीं अधिकारियों की गर्दन न फंस जाए‌ इस लिए एक माह बीत जाने के बाद भी जन सूचना मांगने वाले व्यक्ति को सूचना नहीं दिया गया। थक हारकर सतानंद द्वारा मुख्य विकास अधिकारी को लिखित प्रार्थना देकर ग्राम प्रधान व सेक्रेटरी द्वारा किए गए भ्रष्टाचार व मनरेगा के तहत मिट्टी चकरोड़ निर्माण कार्य में बड़े पैमाने पर धांधली‌‌ सहित बगैर कार्य के ही 4 लाख के भुगतान को लेकर जांच करने का मांग किया गया। जिसपर सीडीओ ने डीसी मनरेगा चंदौली को जांच करने का आदेश दिया। मौके पर जाकर डीसी मनरेगा ने जांच करते हुए ग्राम प्रधान व सेक्रेटरी को फटकार लगाया। वहीं चार दिन के अंदर पूरी रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा।

शिकायत कर्ता का आरोप है कि ग्राम सभा में बेदहा,भटवा,मोहाडे मार्ग पर मिट्टी चकरोड़ निर्माण कार्य दिखाकर मनरेगा के तहत फर्जी तरीके से 4 लाख रुपए का भुगतान करा दिया गया है। जो धरातल पर कार्य पूरी तरह शून्य है। अधिकारी भी मौके पर जाकर देख सकते हैं। ग्राम पंचायत में हुए कई भ्रष्टाचार की पोल खोलने के लिए गांव के ही ग्रामीण सतानंद पुत्र पुजवासी ने जन सूचना मांगा। लेकिन एक माह बीत जाने के बाद भी जन सूचना अधिकार के व्यक्ति को जन सूचना नहीं दी गई। वहीं बीडीओ व सेक्रेटरी से ग्रामीणों ने मौखिक व लिखित भ्रष्टाचार का शिकायत किया, फिर भी यह अधिकारी नहीं सुने। ताकि किए गए भ्रष्टाचार में इन अधिकारियों की गर्दन कहीं फंस न जाए। थक हारकर शिकायत कर्ता सतानंद ने मामले की शिकायत मुख्य विकास अधिकारी चंदौली से किया। जहां मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्य विकास अधिकारी ने डीसी मनरेगा चंदौली को जांच करने का आदेश दिया। जिसपर डीसी मनरेगा ने मौके पर पहुंचकर ग्राम प्रधान, सेक्रेटरी व शिकायत कर्ता को इकट्ठा कर सच्चाई को जाना। जहां ग्राम प्रधान व सेक्रेटरी दोनों की गर्दन फंस गई। जांच अधिकारी के निरीक्षण में मौके पर काम नहीं मिला,और बकायदा बोर्ड लगाकर 4 लाख रुपए का भुगतान करा दिया गया। वहीं जांच अधिकारी ने चार दिन के अंदर पूरी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।

वहीं इस मामले में जब ग्राम प्रधान से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मेरे उपर गलत आरोप लगाया जा रहा है। मौके पर काम हुआ है। कोई भी आकर देख सकता है।

वर्जन-

कौडिहार ग्राम पंचायत का शिकायत गंभीर है। बिना कार्य के भुगतान का प्राविधान नहीं है। मामले की जांच कराकर दोषी अधिकारियों व ग्राम प्रधान के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी।

सुरेन्द्र नाथ श्रीवास्तव, सीडीओ चंदौली


Discover more from अमन यात्रा

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Related Articles

AD
Back to top button

Discover more from अमन यात्रा

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading