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जनपद का भूजल स्तर अब सुरक्षित क्षेत्र में हुआ अंकित, जनपद के 06 विकास खंड का जल स्तर बढ़ा

बताते चले कि जनपद कानपुर देहात में 10 विकासखंड है जिनमे से वर्ष 2023 की रिपोर्ट के अनुसार भूगर्भ जल के असमिति दोहन किये जाने से पूर्व में जनपद के समस्त 07 विकास खंड सेमीक्रिटिकल श्रेणी में तथा 03 विकासखंड(राजपुर,संदालपुर,अमरौधा) सुरक्षित श्रेणी में सम्मिलित थे। परन्तु जिलाधिकारी आलोक सिंह के मार्दर्शन एवं मुख्य विकास अधिकारी लक्ष्मी एन० के विशेष प्रयासों से ऊ०प्र० का गतिशील भूजल संशाधन रिपोर्ट 2024 की रिपोर्ट के अनुसार जनपद के 07 विकास खण्डों में से और 03 विकास खंड जोकि झींझक,मैथा एवं रसूलाबाद है

Story Highlights
  • ऊ०प्र० का गतिशील भूजल संशाधन रिपोर्ट 2024 के अनुसार जनपद के 06 विकासखण्डों के भूजल स्तर का सेमी क्रिटिकल से सुरक्षित क्षेत्र में आना, जल संरक्षण के प्रयासों की सफलता का है संकेत:-मुख्य विकास अधिकारी

कानपुर देहात। बताते चले कि जनपद कानपुर देहात में 10 विकासखंड है जिनमे से वर्ष 2023 की रिपोर्ट के अनुसार भूगर्भ जल के असमिति दोहन किये जाने से पूर्व में जनपद के समस्त 07 विकास खंड सेमीक्रिटिकल श्रेणी में तथा 03 विकासखंड(राजपुर,संदालपुर,अमरौधा) सुरक्षित श्रेणी में सम्मिलित थे। परन्तु जिलाधिकारी आलोक सिंह के मार्दर्शन एवं मुख्य विकास अधिकारी लक्ष्मी एन० के विशेष प्रयासों से ऊ०प्र० का गतिशील भूजल संशाधन रिपोर्ट 2024 की रिपोर्ट के अनुसार जनपद के 07 विकास खण्डों में से और 03 विकास खंड जोकि झींझक,मैथा एवं रसूलाबाद है उनमे सुधार होते हुए यह विकासखंड सेमीक्रिटिकल श्रेणी से सुरक्षित श्रेणी में आ गए है इस प्रकार अब जनपद के कुल 06 विकास खंड सुरक्षित केटेगरी में सम्मिलित हो चुके है। जल संरक्षण एवं जल संवर्धन को बढ़ावा देने हेतु मुख्य विकास अधिकारी द्वारा सम्बंधित विभागों की दैनिक मोनिटरिंग की गयी एवं जल संरक्षण को बढ़ाने के लिए सम्बंधित विभागों द्वारा चेकडैम, खेत तालाब ,अमृत सरोवर , नया तालाब , रेनवाटर हार्वेस्टिंग, रिचार्ज साफ्ट , करसा प्रोजेक्ट, नून नदी ,ड्रीप व स्प्रिंकलर सिचाई , फैक्ट्रियों में पानी का रेसिकीलिंग तथा जन जागरूकता एवं जन भागीदारी द्वारा अब तक कुल 81343.31 हे० पानी का रिचार्ज किया गया है इसका फायदा जनपद स्तर पर दिखाई दे रहा है।

वर्तमान में जनपद के 10 विकासखण्डों में 06 विकासखंड सुरक्षित श्रेणी में तथा 04 विकासखंड सेमीक्रिटिकल श्रेणी में है। मुख्य विकास अधिकारी द्वारा बताया गया कि पानी के दोहन के आधार पर भूगर्भ जल को अलग-अलग ब्लॉक में बांटा जाता है. जहां 100 फीसदी से अधिक क्षमता से दोहन होता है, उन क्षेत्रों को अति दोहित या ओवर एक्सप्लोइटेड कैटेगरी में रखा जाता है. जिन क्षेत्रों में भूजल स्तर के 90 फीसदी तक पानी को निकाल लिया जाता है, उन्हें गंभीर या क्रिटिकल कैटेगरी में रखा जाता है, इसी तरह से सेमी क्रिटिकल की कैटेगरी में 70 से 90 फीसदी जल दोहन वाले क्षेत्र आते हैं, तो सुरक्षित ब्लॉक तब ही माना जाता है, जब कुल उपलब्ध जल की मात्रा में 70 फीसदी से कम का उपयोग किया जाता है। वर्तमान में यह सभी 06 विकास खंड 70 फीसद से कम पर अंकित है जो कि जल संरक्षण की दिशा में बहुत बड़ी उपलब्धि है एवं भूजल स्तर का सेमी क्रिटिकल से सुरक्षित क्षेत्र में आना, जल संरक्षण के प्रयासों की सफलता का संकेत है। उल्लेखनीय है कि जनपद कानपुर देहात मे उत्तर प्रदेश गतिशील भूजल संशोधन रिपोर्ट 2024 के अनुसार जल संरक्षण में सबसे ज़्यादा वृद्धि हुई है जो जल संरक्षण के प्रयासों में अहम भूमिका निभा रहा है।

anas quraishi
Author: anas quraishi

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