G-4NBN9P2G16
पुखरायां,निर्भय सिंह यादव। तहसील के मूसा नगर क्षेत्र में नदी के किनारे भुंडा, भरदौली , रसूलपुर चतुरी पुरवा, अर्हन, पठार, अन्य कई गांव नदियों के किनारे बसे होने की वजह से जबरदस्त बाढ़ की चपेट में आ गए। जिसके चलते ग्रामीण अपनी जान बचाकर पलायन करने को मजबूर है। लेकिन उनके पास समस्या है इस बात की है कि वह गांव घर छोड़कर बाहर कैसे निकले उनके निकलने के लिए कोई भी रास्ता नहीं है.
ये भी पढ़े- बाढ़ पीडितो से मिले केंद्रीय राज्यमंत्री प्रतिनिधि श्याम सिंह सिसोदिया, हर सम्भव मदद का दिलाया भरोसा
इस बाढ़ में कुछ तो बह गई है और कुछ पानी की वजह से समझ में नहीं आ रही जिसकी वजह से ग्रामीणों ने अपना बसेरा क्षेत्रों में बनाने को मजबूर हो गए लेकिन जानवरों के लिए वह कोई व्यवस्था नहीं कर पा रहे। जिसके चलते इन गांव के लोगों ने अपने जानवरों को आवारा पशुओं की तरह छोड़ दिया है वही जो छोटे जानवरों का तो पता ही नहीं कि वह इस बार में बैठ कर कहां चले गए। किसानों की फसलें बर्बाद हो गई घर में रखा अनाज भी बाढ़ में बह गया। खाने को तो मजबूर हैं ही सबसे बड़ी समस्या पानी पीने की है इन गांव में जो भी नलकूप या कुएं सारे पानी में डूबे हुए एकाद जो थोड़े बहुत दिख रहे हैं। उसमें इतना गंदा पानी आ रहा है कि पीने की इच्छा नहीं होती लेकिन जीने के लिए पीना तो जरूरी है यह समझकर उस गंदे पानी को कपड़े से छानकर पीने को मजबूर है। ताकि दो-चार दिन तक जीवित रह जा सके यदि प्रशासन द्वारा जल्द से जल्द कोई व्यवस्था ना की गई तो मरने तक की नौबत आ जाएगी। जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की ही होगी क्योंकि वहां पर अभी तक शासन-प्रशासन द्वारा कोई भी राहत सामग्री वह बाहर निकालने का कोई भी उचित इंतजाम नहीं किया जा रहा है।
ये भी पढ़े- डिजिटल एजुकेशन समिट 2021 के माध्यम से मुख्य विकास अधिकारी को एकेडमिक लीडरशिप अवार्ड से नवाजा गया
जिससे ग्रामीणों में आक्रोश और भय व्याप्त वही भुण्डा गांव के पूर्व प्रधान हाकिम सिंह ने बताया यदि भुण्डा से सिहारी के बीच जो एक कच्चा श्रमदान है। यदि इसे पक्के निर्माण में तब्दील कर दिया जाए तो भविष्य में इन गांव के निकासी के लिए या आवागमन के लिए कोई भी असुविधा नहीं होगी। जिसकी मांग आसपास के ग्रामीणों ने लगातार विधायक के सांसदों से करते रहे हैं। लेकिन उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिला है। जिस वजह से हर वर्ष बाढ़ की चपेट में आने से क्षेत्र के करोड़ों का नुकसान होता रहता है। वहीं कुछ ग्रामीणों ने बताया कि 2 साल पहले भी इसी तरीके से बाढ़ आई हुई थी जिसमें सरकार द्वारा राहत राशि देने का वादा किया गया था जो आज तक प्राप्त नहीं हो सका है। सरकारों के द्वारा इसी तरीके से हमारे क्षेत्र की उपेक्षा की जाएगी तो हमें मजबूरन पलायन करना पड़ेगा या आत्महत्या करने को मजबूर होना पड़ेगा वही ग्रामीणों का कहना है पांच दिन से फसे घरों में अभी तक कोई जिला प्रशासन का जिम्मेदार अधिकारी देखने नही आया न ही कोई खाने पीने की सामिग्री वितरित की गई पानी मे फसे सभी लोग भूख प्यास से मर रहे मबेसियो के लिये कोई चारा भूसा भी नही है।
ये भी पढ़े- मोनालिसा की इन खूबसूरत बोल्ड तस्वीरों को देखकर फैन्स हुए दीवाने
जानवर भी तड़प रहे नाराज ग्रामीण गया प्रसाद यादव, सुरेंद्र सिंह हरगोविंद गोविंद सिंह छुटकू, लाखन पिंटू, रामबाबू, रमेश यादव, पल्लू निषाद, कोमल निषाद ,लज्जाराम, रामनरायन, मनोजकुमार पुत्र सोबरन,सुन्दर ,शिवनरायन नक्से , रामौतार सहित ग्राम वासियों ने नाराजगी जताते हुए समुचित व्यवस्था करवाने की मांग की है।
मंगलपुर (कानपुर देहात)। मंगलवार सुबह सिकंदरा तहसील क्षेत्र के चमरौआ गांव का मजरा बलवंतपुर में एक दिल दहला देने वाली… Read More
कानपुर देहात में एक दर्दनाक घटना सामने आई है। गजनेर थाना क्षेत्र के लोदीपुर गांव में खेत में काम करते… Read More
सुप्रीम कोर्ट की ओर से शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को शिक्षकों के लिए अनिवार्य किए जाने संबंधी निर्णय पर मुख्यमंत्री… Read More
लखनऊ/ कानपुर देहात। सेवारत शिक्षकों के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनिवार्य की गई टीईटी को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने… Read More
आज का समाज विचारधाराओं में इस कदर विभाजित है कि हर बात, हर विचार और हर व्यक्ति को किसी न… Read More
नई दिल्ली/कानपुर देहात। आयकर विभाग ने सोमवार को आईटीआर दाखिल करने के आखिरी दिन रिटर्न भरने में लोगों को हुई… Read More
This website uses cookies.
View Comments