जालौन,अमन यात्रा । पति की मौत के बाद एक महिला को अपने अधिकार के लिए 20 साल तक कानूनी लड़ाई लडऩी पड़ी और आखिर में उसकी जीत हुई। पारिवारिक न्यायालय ने बहू के हक में ससुर को मासिक हर्जा-खर्चा देने का आदेश दिया, लेकिन ससुर ने उसका पालन नहीं किया। इससे हर्जाने की रकम बढ़कर सात लाख 90 हजार रुपये हो गई। न्यायालय ने ससुर की संपत्ति नीलाम कर बहू को धनराशि दिलाई है।

महोबा के थाना खन्ना अंतर्गत ग्राम पूरी निवासी जय देवी की शादी जालौन के कदौरा थानाक्षेत्र के ग्राम बावनी निवासी अतर ङ्क्षसह के साथ 1997 में हुई थी। दो साल बाद ही अतर सिंह की मौत हो गई। इस पर ससुरालीजन ने जय देवी से किनारा कर लिया। ऐसे में उन्होंने अपना हक पाने के लिए महोबा के पारिवारिक न्यायालय में वर्ष 2001 में ससुर राम नारायण के खिलाफ मुकदमा दाखिल किया और हर्जा-खर्चा की मांग की थी। 2016 में कोर्ट ने ससुर पर मासिक हर्जा-खर्चा की रकम निर्धारित की, लेकिन उसने रकम नहीं दी। इस पर कोर्ट ने मामले को जालौन स्थित पारिवारिक न्यायालय में भेज दिया। वहां चार साल तक मुकदमा चला। पिछले माह कोर्ट ने ससुर को आदेश दिया कि बहू को हर्जा-खर्चा की रकम दें नहीं, तो संपत्ति जब्त होगी। इसके बाद मकान की नीलामी का नोटिस भी चस्पा कर दिया गया। गुरुवार और शुक्रवार को गांव में मुनादी कराकर कोर्ट से पहुंची टीम ने ससुर की अचल संपत्ति की नीलामी कराई।

  • न्याय के लिए लंबा संघर्ष करना पड़ा, लेकिन हौसला कम नहीं हुआ। न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा था। 20 साल बाद ही सही इंसाफ मिलने का संतोष है। इससे बहू का हक मारने वालों को सबक मिलेगा। -जय देवी ने कोर्ट के फैसले पर कहा
  • तीन साल पहले मामला मेरे पास आया था। महोबा कोर्ट ने पहले ही फैसला कर दिया था। जयदेवी को उसकी संपत्ति नहीं दी जा रही थी। ऐसे में नीलामी का फैसला स्थानीय पारिवारिक न्यायालय ने दिया। उन्हें न्याय मिला है। -दिनेश कुमार, जयदेवी के अधिवक्ता।
  • कोर्ट के आदेश पर गुरुवार को नीलामी की कार्रवाई की गई। पुलिस बल गांव में भेजा गया था। नीलामी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। -संजय सिंह, प्रभारी, कोतवाली कदौरा।