जालौन में 26 जनवरी से लागू होगी ‘नो हेलमेट, नो फ्यूल’ रणनीति
वरिष्ठ सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारी (प्रशा०/प्रर्व०) सुरेश कुमार ने बताया कि कार्यालय परिवहन आयुक्त, उत्तर प्रदेश के पत्र दिनांक 08 जनवरी 2025 एवं जिलाधिकारी के आदेश दिनांक 10 जनवरी 2025 के तहत 'नो हेलमेट, नो फ्यूल' रणनीति लागू करने के निर्देश दिए गए हैं।
उरई : वरिष्ठ सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारी (प्रशा०/प्रर्व०) सुरेश कुमार ने बताया कि कार्यालय परिवहन आयुक्त, उत्तर प्रदेश के पत्र दिनांक 08 जनवरी 2025 एवं जिलाधिकारी के आदेश दिनांक 10 जनवरी 2025 के तहत ‘नो हेलमेट, नो फ्यूल’ रणनीति लागू करने के निर्देश दिए गए हैं।
भारत सरकार ने सड़क दुर्घटनाओं में हो रही मृत्यु और घायलों की बढ़ती संख्या पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। हाल ही में हुई राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक में माननीय मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिए हैं कि सड़क सुरक्षा में सुधार हेतु सभी जिलों में प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। सड़क दुर्घटनाओं में 50 प्रतिशत की कमी लाने के लिए नवाचार और व्यवहार परिवर्तन पर केंद्रित उपायों को अपनाना आवश्यक है।
शहरी क्षेत्रों में ‘नो हेलमेट, नो फ्यूल’ रणनीति को एक निर्णायक कदम के रूप में अपनाया गया है। यह रणनीति न केवल हेलमेट पहनने को अनिवार्य बनाने में सहायक होगी, बल्कि नागरिकों में सड़क सुरक्षा के प्रति जिम्मेदारी और अनुशासन की भावना को प्रोत्साहित करेगी।
कानूनी प्रावधान:
मोटर वाहन अधिनियम-1988 की धारा-129 और उत्तर प्रदेश मोटरयान नियमावली-1998 के नियम-201 के तहत सभी मोटरसाइकिल चालकों और सवारियों के लिए भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा निर्धारित मानकों के अनुरूप हेलमेट पहनना अनिवार्य है। इन प्रावधानों का उल्लंघन करने पर केंद्रीय मोटर यान अधिनियम-1988 की धारा-177 के तहत जुर्माने का प्रावधान है।
पेट्रोल पंप संचालकों के लिए निर्देश:
जिलाधिकारी महोदय ने जनपद जालौन के सभी पेट्रोल पंप संचालकों को निर्देश दिए हैं कि वे आगामी 7 दिनों में अपने परिसर में यह सूचना देने वाले बड़े-बड़े होर्डिंग लगाएं कि दिनांक 26 जनवरी 2025 से बिना हेलमेट पहने दोपहिया वाहन चालकों और सवारियों को पेट्रोल नहीं दिया जाएगा।
साथ ही, सभी पेट्रोल पंप संचालकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके प्रतिष्ठान में सीसीटीवी कैमरे हमेशा सक्रिय रहें। यह व्यवस्था किसी भी विवाद की स्थिति में सीसीटीवी फुटेज का उपयोग करके आवश्यक निर्णय लेने में सहायक होगी।
यह पहल सड़क सुरक्षा को प्रोत्साहन देने और सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के उद्देश्य से की गई है।