जिलाधिकारी की पहल: कानपुर देहात में हरित भविष्य की ओर
आज, जिलाधिकारी आलोक सिंह की अध्यक्षता में जिला पर्यावरण समिति, जिला गंगा समिति और जिला वेटलैण्ड समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में जिले में पर्यावरण संरक्षण और विकास के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
कानपुर देहात: आज, जिलाधिकारी आलोक सिंह की अध्यक्षता में जिला पर्यावरण समिति, जिला गंगा समिति और जिला वेटलैण्ड समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में जिले में पर्यावरण संरक्षण और विकास के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
वृक्षारोपण के लिए महत्वाकांक्षी लक्ष्य:
लक्ष्य: वित्तीय वर्ष 2025-26 में जिले में कुल 57,22,760 पौधे रोपने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
कार्ययोजना: सभी विभागों को पौधरोपण के लिए भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित करने और कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए गए हैं।
माइक्रो प्लानिंग: जनपद की प्रत्येक ग्राम पंचायत और नगरीय निकाय स्तर पर पौधरोपण के लिए माइक्रो प्लानिंग की जा रही है।
फलदार पौधे: कृषकों को फलदार प्रजातियों के पौधे वितरित करने पर जोर दिया गया है।
पर्यावरण संरक्षण के अन्य उपाय:
ई-वेस्ट और बॉयो मेडिकल वेस्ट: पर्यावरण विभाग, स्वास्थ्य विभाग और नगर विकास विभाग को ई-वेस्ट और बॉयो मेडिकल वेस्ट के समुचित प्रबंधन के लिए निर्देशित किया गया है।
गंगा संरक्षण: महाकुम्भ के मद्देनजर गंगा नदी में शून्य अशोधित उत्प्रवाह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
ग्राम आर्द्रभूमि समिति और ग्राम गंगा समिति: सभी ग्राम पंचायतों में ग्राम आर्द्रभूमि समिति और नदियों के किनारे स्थित ग्रामों में ग्राम गंगा समिति के गठन के निर्देश दिए गए हैं।
वेटलैण्ड का संरक्षण: जिले में 289 वेटलैण्ड का चिन्हांकन किया गया है और इनका सत्यापन किया जा रहा है।
विश्व आर्द्रभूमि दिवस:
2 फरवरी 2024 को विश्व आर्द्रभूमि दिवस मघई वेटलैण्ड के समीप स्थित औनहॉ वन चेतना में मनाया जाएगा।
कानपुर देहात में पर्यावरण संरक्षण के लिए किए जा रहे प्रयास सराहनीय हैं। इन प्रयासों से न केवल जिले का पर्यावरण स्वच्छ होगा बल्कि लोगों का जीवन स्तर भी बेहतर होगा।