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जेब पर एक और झटका, एक अप्रैल से बुखार उतारना भी होगा महंगा

देश में महंगाई लगातार बढ़ रही है। आम आदमी महंगाई के बोझ से परेशान है। अब अप्रैल से महंगाई का एक और तड़का लगने वाला है। दरअसल अप्रैल से जरूरी दवाओं के दाम बढ़ने वाले हैं।

Story Highlights
  • पैरासिटामोल समेत 900 दवाओं के 12 फीसदी तक बढ़ेंगे दाम
लखनऊ / कानपुर देहात। देश में महंगाई लगातार बढ़ रही है। आम आदमी महंगाई के बोझ से परेशान है। अब अप्रैल से महंगाई का एक और तड़का लगने वाला है। दरअसल अप्रैल से जरूरी दवाओं के दाम बढ़ने वाले हैं। दरअसल 1 अप्रैल से पैरासिटामोल समेत 900 दवाओं के दाम 12 प्रतिशत तक बढ़ने जा रहे हैं। पेन किलर, एंटी इंफेक्‍शन और दिल की बीमारियों की दवाइयों से लेकर एंटीबायोटिक्स दवाओं की कीमतें उन दवाओं में शामिल हैं जिनकी कीमतें 1 अप्रैल से बढ़ने जा रही हैं। आम आदमी तो पहले से ही महंगाई से परेशान है उसकी जेब पर बोझ और बढ़ जाएगा।

इन जरूरी दवाओं की बात करें तो इसमें पेनकिलर्स, एंटीबायोटिक, दिल की दवाएं आदि शामिल हैं। एक अप्रैल से इन सब दवाओं के दाम बढ़ने वाले हैं। आम आदमी को महंगाई का बड़ा झटका लगेगा। दरअसल सरकार दवा कंपनियों को एनुअल होलसेल प्राइज इंडेक्स में बदलाव के अनुरूप बढ़ोतरी की अनुमति देने के लिए पूरी तरह तैयार है। दवा मूल्य नियामक नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी ने सोमवार को कहा कि सरकार द्वारा अधिसूचित डब्ल्यूपीआई में वार्षिक परिवर्तन 2022 के आधार पर दाम बढ़ाए जा सकते हैं। जानकारी के मुताबिक बढ़ती महंगाई को देखते हुए फार्मा इंडस्‍ट्री दवाओं की कीमत बढ़ाए जाने की मांग कर रही थी।
इसेंशियल लिस्ट की दवाएं भी होंगी महंगी-
सबसे अहम बात ये है कि इस महंगाई की चपेट में वो दवाएं भी आएंगी जो नेशनल इसेंशियल लिस्ट ऑफ मेडिसिन (एनईएलएम) में शामिल हैं। इस लिस्ट में एंटीबायोटिक्स, एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स, कान-नाक और गले की दवाएं, एंटीसेप्टिक्स, पेन किलर, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल मेडिसिन और एंटीफंगल दवाएं शामिल हैं। बताया जा रहा है कि इनमें भी काफी बढ़ोतरी हो सकती है।
कटियार मेडिकल स्टोर के संचालक फार्मासिस्ट राजेश कटियार का कहना है कि सरकार का यह फैसला खरीदारों की जेब काटने वाला है, इससे सिर्फ दवा कंपनियों को बड़ी राहत मिलेगी। कीमतें बढ़ने का असर सभी आम जन मानस पर पड़ेगा जो लोग ज्यादा दवाएं लेते हैं, उनपर इसका सबसे बुरा असर पड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि आमतौर पर मरीज डॉक्टरों की प्रिस्क्राइब दवाएं ही खरीदते हैं। अगर उन्हें उससे बेहतर दवाएं कम दाम पर देने को कहते हैं तो वो कहते हैं कि आप हमे गलत दवा दे रहे हैं।
कुछ डॉक्टर भी मोनोपॉली दवाएं प्रिस्क्राइब करते हैं जो सिर्फ उन्हीं के यहां मिलती हैं और उनकी एमआरपी भी अन्य दवाओं की अपेक्षा बहुत अधिक होती है जबकि वे दवाएं डाक्टरों को बहुत कम दाम में उपलब्ध होती हैं लेकिन ऐसी दवाओं से मरीजों की जेब काटी जाती है। कुछ डॉक्टर ऐसे भी हैं जो मरीजों को पेटेंट दवाएं ही लिखते हैं जोकि हर जगह आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं।
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AMAN YATRA
Author: AMAN YATRA

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