जिला अस्पताल में आयोजित हुआ हेल्दी बेबी शो
शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी 15 से 21 नवंबर तक नवजात शिशु देखभाल सप्ताह का आयोजन किया गया। इस बार अभियान की थीम “समुदाय के माध्यम से नवजात शिशु के जीवन का पोषण स्वास्थ्य - सुविधा व सहभागिता” निर्धारित थी जिसके अंतर्गत मंगलवार को 50 शैय्या जिला संयुक्त चिकित्सालय सहित सीएचसी बिधूना में हेल्दी बेबी शो का आयोजन किया गया।
- नवजात शिशु की बेहतर स्वास्थ्य देखभाल के लिए परिवार की अहम भूमिका – सीएमओ
- नवजात को कुपोषण से बचाएगा ‘माँ का पहला गाढ़ा पीला दूध व छह माह सिर्फ स्तनपान’
विकास सक्सेना, औरैया : शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी 15 से 21 नवंबर तक नवजात शिशु देखभाल सप्ताह का आयोजन किया गया। इस बार अभियान की थीम “समुदाय के माध्यम से नवजात शिशु के जीवन का पोषण स्वास्थ्य – सुविधा व सहभागिता” निर्धारित थी जिसके अंतर्गत मंगलवार को 50 शैय्या जिला संयुक्त चिकित्सालय सहित सीएचसी बिधूना में हेल्दी बेबी शो का आयोजन किया गया। इसमें मां के साथ आए लगभग 25 बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। इसमें हेल्दी बच्चों को चयनित कर पुरस्कार भी वितरित किया गया।
प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य माताओं एवं बच्चों में साफ-सफाई, स्वास्थ्य एवं पोषण, टीकाकरण व बच्चों के रखरखाव के विषय में जागरुक करना था। कार्यक्रम में शून्य से एक, एक से तीन व तीन से पांच वर्ष आयु वर्ग के 25 बच्चों ने अपनी माताओं के साथ भाग लिया, जिनका स्वास्थ्य व स्वच्छता परीक्षण करते हुए प्रथम, द्वितीय, तृतीय व सांतवना पुरस्कारों के लिए विजेताओं का चयन कर उन्हें पुरस्कृत किया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सुनील कुमार वर्मा का कहना है कि नवजात शिशु मृत्यु दर को कम करने के दृष्टिगत सुविधा एवं समुदाय आधारित विभिन्न कार्यक्रम प्राथमिकता के अनुसार संचालित किए जा रहे हैं। सामुदायिक स्तर पर होम बेस्ड न्यूबोर्न केयर (एचबीएनसी) व होम बेस्ड यंग चाइल्ड केयर (एचबीवाईसी) कार्यक्रम समस्त संचालित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक नवजात शिशु के जीवन को बेहतर शुरुआत के लिए स्वास्थ्य इकाइयों के सामुदायिक कार्यकर्ताओं एवं परिवार की अहम भूमिका होती है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ राजेश मोहन गुप्ता ने बताया कि नवजात शिशु की आवश्यक देखभाल बेहद आवश्यक है। इसलिए….
– प्रसव चिकित्सालय में ही कराएं और प्रसव पश्चात 48 घण्टे तक माँ एवं शिशु की उचित देखभाल के लिए चिकित्सालय में ही रुकें।
– नवजात को तुरन्त न नहलाएँ, शरीर को पोंछ कर नर्म साफ कपड़े पहनाएं।
– जन्म के एक घण्टे के भीतर माँ का गाढ़ापीला दूध (कोलेस्ट्रम) जरूर पिलाएँ।
– कुपोषण और संक्रमण से बचाव के लिए छह माह तक केवल माँ का दूध पिलाएँ।
– शहद, घुट्टी, पानी इत्यादि बिल्कुल न पिलाएँ।
– जन्म के तुरन्त बाद नवजात का वजन लें और विटामिन-के का इन्जेक्शन लगवायें।
– नवजात शिशु का नियमित और सम्पूर्ण टीकाकरण कराएं।
– नवजात की नाभि सूखी एवं साफ रखे, संक्रमण से बचाएं।
– माँ एवं शिशु की व्यक्तिगत स्वच्छता का ध्यान रखें।
– कम वजन एवं समय से पूर्व जन्मे शिशुओं का विशेष ध्यान रखें।
– शिशु का तापमान स्थिर रखने के लिए कंगारू मदर केयर (केएमसी) विधि अपनाएं।
– शिशु जितनी बार चाहे दिन अथवा रात में बार-बार स्तनपान कराएं।
इस अवसर पर चिकित्सालय प्रबंधक डॉ. सुभाष ने माताओं को बच्चों के टीकाकरण, साफ-सफाई व शारीरिक तथा मानसिक विकास के लिए उचित खान-पान के बारे में जानकारी दी।