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ज्ञान का उत्सव: इग्नू का 38वाँ दीक्षांत समारोह संपन्न, छात्रों ने पाई सफलता की उड़ान

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) का 38वाँ दीक्षांत समारोह मुख्यालय नई दिल्ली और 39 क्षेत्रीय केंद्रों पर समानांतर रूप से आयोजित किया गया।

Story Highlights
  • इग्नू का 38वाँ दीक्षांत समारोह सम्पन्न, 351 विद्यार्थियों को मिली उपाधि
  • लखनऊ क्षेत्रीय केंद्र में 5 छात्रों को स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया, शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने की सराहना
  • स्वर्ण पदक विजेता और उपाधि धारकों का भव्य सम्मान, शिक्षा के क्षेत्र में इग्नू की नई ऊँचाइयाँ

पुखरायां/लखनऊ: इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) का 38वाँ दीक्षांत समारोह मुख्यालय नई दिल्ली और 39 क्षेत्रीय केंद्रों पर समानांतर रूप से आयोजित किया गया। लखनऊ क्षेत्रीय केंद्र में आयोजित समारोह में 351 विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की गई, जबकि 5 मेधावी छात्रों को स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया। मुख्य समारोह इग्नू मुख्यालय मैदानगढ़ी, नई दिल्ली में आयोजित हुआ, जहाँ श्री धर्मेंद्र प्रधान, माननीय शिक्षा मंत्री, भारत सरकार, मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।

स्वर्ण पदक विजेता:
लखनऊ केंद्र में राजनीति विज्ञान में अनिमेष बरुआ, व्यावसायिक प्रबंधन में सुश्री निधि अग्रवाल और उर्दू परास्नातक में सुश्री सना फातिमा को स्वर्ण पदक प्रदान किए गए। इसके अलावा, दो अन्य छात्रों ने दिल्ली मुख्यालय में स्वर्ण पदक प्राप्त किया।

मुख्य अतिथि का संदेश:
समारोह के विशिष्ट अतिथि प्रो. अमर पाल सिंह, कुलपति, डॉ. राममनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, लखनऊ ने छात्रों को बधाई देते हुए कहा कि उपाधि प्राप्त करने के बाद उनके सामने नई चुनौतियाँ होंगी, लेकिन उन्हें अपने ज्ञान और अनुभव का उपयोग करके इनका सामना करना होगा। उन्होंने कहा, “उपाधि प्राप्त करने के पश्चात विद्यार्थियों के पास रोजगार एवं उद्यम के अनेक अवसर प्राप्त होंगे, परन्तु साथ-साथ नई चुनौतियाँ तथा सामाजिक एवं आर्थिक जटिलताएं भी आएंगी, जिनका समाधान छात्रों को अपने अर्जित ज्ञान तथा अनुभव के आधार पर करना होगा।”

उन्होंने इग्नू के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय ने शिक्षा को सभी के लिए सुलभ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा, “इग्नू द्वारा सुविधाहीन और शिक्षा से वंचित लोगों को शिक्षा के माध्यम से विकास की मुख्य धारा से जोड़ने का जो प्रयास किया जा रहा है, वह सराहनीय है।”

इग्नू की उपलब्धियाँ:
वरिष्ठ क्षेत्रीय निदेशक डॉ. अनिल कुमार मिश्र ने कहा कि इग्नू दुनिया का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय है और हाल ही में एनआईआरएफ रैंकिंग में दूरस्थ शिक्षा के क्षेत्र में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। उन्होंने बताया कि इग्नू की स्थापना का उद्देश्य उच्च शिक्षा को विद्यार्थियों के द्वार तक ले जाकर उम्र, धर्म, क्षेत्र और लिंग के भेद के बिना सभी के लिए उच्च शिक्षा को सुलभ कराना है।

डॉ. मिश्र ने पिछले एक वर्ष में किए गए प्रयासों का वृतांत प्रस्तुत करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय समाज के वंचित लोगों को शिक्षा के माध्यम से विकास की मुख्य धारा से जोड़ने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने बताया कि शिक्षार्थियों को क्षेत्रीय भाषाओं में शिक्षित करने के लिए विश्वविद्यालय द्वारा स्वयंप्रभा टीवी चैनल के माध्यम से परामर्श कक्षाएं आयोजित की जा रही हैं। लखनऊ क्षेत्रीय केंद्र पर हिंदी भाषा में परामर्श कक्षाएं संचालित की जा रही हैं।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति की सराहना:
प्रो. अमर पाल सिंह ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी-2020) के तहत विद्यार्थियों को क्षेत्रीय भाषा में शिक्षित करने के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि एनईपी-2020 में विश्व स्तरीय उच्च शिक्षा पारिस्थितिकी तंत्र के विकास के लिए आवश्यक पांच मूलभूत स्तंभों को सूचीबद्ध किया गया है, जिनमें छात्र केंद्रितता, अनुसंधान और नवाचार, संकाय, अंतर्राष्ट्रीयकरण और डिजिटल शिक्षा शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इग्नू इन रणनीतिक स्तंभों के आधार पर प्रशंसनीय कार्य कर रहा है।

समारोह का आयोजन:
दीक्षांत कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन और सरस्वती वंदना से हुआ। डॉ. रीना कुमारी, उपनिदेशक ने समारोह में उपस्थित विशिष्ट अतिथि, विभिन्न इग्नू अध्ययन केंद्र समन्वयक, सह-समन्वयक, समस्त उपाधि धारकों और कर्मचारियों का स्वागत किया। डॉ. जयप्रकाश वर्मा, उपनिदेशक ने विशिष्ट अतिथि प्रो. अमर पाल सिंह की उपलब्धियों और विश्वविद्यालय प्रबंधन में उनके योगदान पर विस्तार से चर्चा की।

कार्यक्रम का संचालन:
डॉ. अनामिका सिन्हा, उपनिदेशक ने 38वें दीक्षांत समारोह कार्यक्रम का कुशल संचालन किया। डॉ. निशिथ नागर, सहायक कुलसचिव ने कार्यक्रम का प्रबंधन किया। डॉ. कीर्ति विक्रम सिंह, उपनिदेशक ने सभागार में उपस्थित विशिष्ट अतिथि सहित सभी के प्रति आभार प्रकट किया।

इग्नू का यह दीक्षांत समारोह न केवल छात्रों के लिए एक नई शुरुआत का प्रतीक है, बल्कि यह विश्वविद्यालय के शिक्षा के प्रति समर्पण और समावेशी दृष्टिकोण को भी दर्शाता है। इग्नू ने शिक्षा को सभी के लिए सुलभ बनाने के अपने मिश्र में एक और महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है।

AMAN YATRA
Author: AMAN YATRA

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