मोहित बाथम झींझक: 53वीं रामलीला में मंगलवार को मुनि याचना, ताड़का वध और अहिल्या उद्धार की लीलाओं का मनमोहक मंचन हुआ। कलाकारों ने अपने अभिनय से दर्शकों को भावविभोर कर दिया।
ताड़का वध: दंडक आश्रम में ताड़का के अत्याचारों से परेशान होकर अगस्त्य ऋषि ने राम से मदद की याचना की। राम ने राक्षसी ताड़का का वध कर ऋषियों का आशीर्वाद प्राप्त किया।
अहिल्या उद्धार: मिथिलापुरी में राम के प्रवेश पर ऋषि विश्वामित्र ने अहिल्या के शाप की कहानी सुनाई। राम और लक्ष्मण ने शिला को प्रणाम किया और अहिल्या अपने असली रूप में प्रकट हुईं।
अद्भुत सजावट: इस बार रामलीला में सजावट को और भी आकर्षक बनाया गया है, जिसने दर्शकों को एक नए अनुभव का आनंद दिया।
दर्शकों की प्रतिक्रिया: दर्शक कलाकारों के अभिनय और सजावट से बेहद प्रभावित हुए। उन्होंने इस रामलीला को अब तक की सबसे यादगार रामलीला बताया।यह रामलीला सिर्फ एक नाटक नहीं, बल्कि धर्म और संस्कृति का एक उत्सव है।
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